अजीत झा, पंचकूला दिनभर : 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। माता मनसा देवी मंदिर परिसर में पंचकूला पुलिस ने आमजन सुरक्षा को लेकर आज मीटिंग की। बता दें कि मनसा देवी मंदिर में 9 दिनों तक लगने वाले नवरात्रि मेले में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु माँ के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले को लेकर प्रशासन ने सारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली है। मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड मेंबर की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि का मेला 9 से 17 अप्रैल तक आयोजित होगा।
मेले में श्रद्धालु की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मेला परिसर में 13 जगहों पर पुलिस नाके लगाए जाएंगे। श्रद्धालुओं की गाड़ियों के लिए 6 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है और 1300 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं माता के दर्शन करने आने वाले वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। 24 घंटे बिजली-डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे। हरियाणा रोडवेज की स्पेशल बसें चलेगी। नवरात्रि मेला के दौरान माता मनसा देवी मंदिर, काली माता मंदिर कालका और चंडी माता मंदिर में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मेला परिसर में प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक कैरीबैग पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है। 24 घंटे डॉक्टरों की टीम तैयार रहेगी। आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए मंदिर और डिस्पेंसरी के पास एक-एक एंबुलेंस और राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान का मेडिकल शिविर भी लगाया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों का रूट भी मंदिर तक किए गए हैं। श्रद्धालुओं को काली माता मंदिर कालका में बने पार्किंग स्थल से मंदिर तक लाने-वापस पार्किंग में छोड़ने के लिए 12 ऑटो नि:शुल्क उपलब्ध रहेंगे।
कैसे पहुंचे माता मनसा देवी माता मंदिर
माता मनसा मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पंचकूला है। स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 5 किमी की है। सड़क मार्ग-बस से आने पर आपको मनीमाजरा उतरना होगा। चंडीगढ़ बस स्टैंड से पंचकूला मनसा माता मंदिर 15 किमी की दूरी पर मौजूद है। आप चाहे तो गाड़ी किराए पर लेकर भी मंदिर आ सकते हैं। नवरात्रि मेले के दौरान मंदिर परिसर के आसपास पार्किंग की पूरी व्यवस्था की जाएगी, ताकि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई समस्या न हो।
क्या है मनसा देवी मंदिर का महत्व
पंचकूला में स्थित मनसा देवी मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना बताया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस स्थान पर माता सती का मस्तिष्क गिरा था, जिस कारण यह 51 शक्तिपीठों में से एक है। माता सती के मस्तिष्क से ही भगवान शिव की सबसे छोटी पुत्री माता मनसा का जन्म हुआ था, जिनका मंदिर यहां बनवाया गया था। लगभग 100 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में दिल से मांगी गयी सभी मुरादें जरूर पूरी होती हैं।