डॉ. तरूण प्रसाद 2023 04 28T115855.343

जल संरक्षण के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए चलाया जाए अभियान

चंडीगढ़ दिनभर

पंचकूला। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों से अपील की है कि जल संरक्षण के लिए पिछले साल जिस प्रकार लगभग डेढ़ लाख एकड़ धान के क्षेत्र में अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती की है, उसी प्रकार इस साल भी धान की जगह कम पानी वाली खपत की फसलों की खेती करें। जिन क्षेत्रों में धान के अलावा अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती नहीं होती है, उन क्षेत्रों में किसान डीएसआर पद्धति से धान की बुवाई करें जिससे लगभग 50 प्रतिशत पानी की बचत होती है। मुख्यमंत्री आज पंचकूला में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित 2 दिवसीय जल संगोष्ठी – अमृत जल क्रांति के पहले दिन के समापन सत्र में बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करने की आवश्यकता है। आईईसी गतिविधियों को जोरों शोरों से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इन समर्पित प्रयासों से निश्चित तौर पर हरियाणा में जल को बचाने की दिशा में सार्थक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश में सर्वाधिक फसलों को एमएसपी पर खरीदने वाला राज्य है। किसानों को धान के स्थान पर कम पानी वाली फसलों जैसे बाजरा, कपास और मक्का इत्यादि की बुवाई को अपनाना चाहिए। हम किसानों को अन्य फसलों के विपणन में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आने देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई संस्था या कोई सरकारी संगठन भी यदि हरियाणा में प्राकृतिक खेती के डेमोंस्ट्रेटिंग फार्म तैयार करने के लिए आगे आएगी तो राज्य सरकार की ओर से उन्हें 50 या 100 डेमोंस्ट्रेटिंग फार्म तैयार करने के लिए जमीन मुहैया करवाएगी। वह संस्था सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग, पेस्टिसाइड का कम उपयोग करके, कम पानी की खपत वाली फसलों की खेती करने जैसे विभिन्न उपायों को अपनाकर प्राकृतिक खेती करेगी। किसानों को यह डेमोंस्ट्रेटिंग फॉर्म दिखाएं जाएंगे, ताकि उन्हें प्राकृतिक खेती को अपनाने की ओर प्रेरित किया जा सके। मनोहर लाल ने कहा कि पीने के पानी तथा अन्य उपयोगों को मिलाकर भी पानी की खपत सिंचाई में अधिक होती है।

हरियाणा में 80 लाख एकड़ भूमि कृषि योग्य है, यदि औसतन दो फसलें भी लेते हैं और औसतन तीन बार पानी लगाते हैं, तो सिंचाई के लिए 24 एमएएफ पानी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पानी को बचाने के अलावा आज दूसरी आवश्यकता पानी को रिसाइकिल करके उसका उपयोग को बढ़ाने की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मेरा पानी- मेरी विरासत के तहत धान की उपज की बजाए अन्य फसलों की खेती के लिए किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं। इस योजना को और सुदृढ़ बनाना है। विश्वविद्यालय इस दिशा में अनुसंधान करे और बागवानी से संबंधित विशेषज्ञ भी सिंचाई में खपत होने वाले पानी की बचत का सुझाव दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोटे अनाज को बढ़ावा देने हेतू राज्य सरकार ने 3 महीने के लिए पीडीएस के माध्यम से डिपो पर बाजरे की सप्लाई के लिए अनुमति ली। हमें 5 महीने की अनुमति मिल गई थी कि लेकिन बाजरे की उपलब्धता उतनी नहीं थी।

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