चंडीगढ़ दिनभर। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोप में फसे पूर्व पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी भारत के मुख्य न्यायाधीश
(सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष मसीह की ओर से पेश हुए और अदालत से माफी मांगी। वरिष्ठ वकील ने पीठ से कहा कि हमने बिना शर्त माफी मांगी है। मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई। वह पहला हलफनामा वापस ले लेंगे और इस अदालत की उदारता के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे। यह बिना शर्त माफी है । इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में की जायेगी। बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में मसीह द्वारा मतपत्रों को विकृत करने का एक वीडियो वायरल होने के बाद चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के फैसले को रद्द कर दिया था। अदालत आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद कुलदीप कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने भाजपा के मनोज सोनकर (इस्तीफा देने के बाद) को चंडीगढ़ मेयर घोषित करने के रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) मसीह के 30 जनवरी के फैसले में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

गौरतलब हैं कि अनिल मसीह ने आप उम्मीदवार के आठ वोटों को अवैध घोषित किया था। हालाँकि, सीसीटीवी दृश्य में उसे आठ मतपत्रों को नष्ट करते हुए पकड़ा गया था। कोर्ट ने मसीह के फैसले को रद्द करते हुए कुलदीप कुमार को मेयर चुनाव का विजेता घोषित कर दिया था। पीठ ने मसीह के उस स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया था कि उन्होंने आप उम्मीदवार के आठ वोटों को अवैध क्यों घोषित किया था और मसीह के आचरण की कड़ी निंदा की थी। न्यायालय ने कहा था कि मसीह ने महापौर चुनाव के पाठ्यक्रम को गैरकानूनी रूप से बदल दिया था। और उसने न्यायालय के समक्ष जो बयान दिया था वह स्पष्ट झूठ था। इसलिए उसने मसीह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस मुद्दे पर अब जुलाई में विस्तार से सुनवाई होगी। आप पार्षद कुलदीप कुमार ने मेयर चुनाव परिणामों को शुरुआत में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में
चुनौती दी। उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी।