
अफसरों ने न कोई एसआईटी बनाई और न जांच किसी स्पेशल सेल को सौंपी
एक करोड़ की लूट का मामला
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़ एक करोड़ की लूट के मामले में चंडीगढ़ पुलिस के अफसरों की फजीहत जारी है। पुलिसवालों के नाम सामने आने के बावजूद न पुलिसवाले और न सिविलियन को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर सकी है न एडिशनल एसएचओ का कोई अता-पता लगा। ना दूसरे पुलिसकर्मियों का और न ही, बाकी केस में शामिल आरोपियों का। गनमैन भी गायब है और जिसकी गनमैन हिफाजत कर रहा था वह भी गायब है। वहीं अब मामले में पुलिस की कारगुजारी पर सवाल उठने लगे हैं। आम आदमी पार्टी के नेता प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि शर्म आनी चाहिए कि अब तक पुलिस अपने ही एडिशनल एसएचओ को दबोच नहीं सकी है, जबकि सामने आ रहा है कि न सिर्फ थाना-39 पुलिस के कर्मी, बल्कि सिक्योरिटी में तैनात कर्मी भी इसमें संलिप्त हैं। प्रवीण शाह का नाम तक उछल रहा है और पुलिस खामोश है।
उन्होंने कहा कि वह गवर्नर से मांग कर रहे हैं कि तुरंत इस मामले में आईपीएस के अधीन एक एसआईटी बनाई जाए या फिर किसी दूसरे स्वतंत्र विभाग क्राइम ब्रांच, डीसीसी, ऑपरेशन सेल आदि को जांच दी जाए, ताकि सच सामने आ सके और थाने की चारदीवारी में ही बंद होकर न रह जाए। वहीं, दूसरी तरफ मंगलवार को प्रशासक की लॉ एंड ऑर्डर पर बनाई कमेटी की बैठक हुई, जिसमें बीजेपी के प्रधान और इस कमेटी के चेयरमैन अरुण सूद ने स्पष्ट कहा कि तुरंत पुलिस फोर्स में मौजूद काली भेड़ों को तलाश कर बाहर निकाल देना चाहिए।
उन्होंने मीटिंग में एसएसपी को कहा कि चाहे कोई भी हो, कितना भी पावरफुल पुलिस अफसर। अगर वह इस लूट में शामिल है, तो उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक करोड़ की लूट पुलिस द्वारा किए जाने पर अब जनता ही खुद को असुरक्षित महसूस करने लगी है। इसलिए उनका विश्वास हासिल करने के लिए सभी एरिया एसएचओ और डीएसपीज को रेजिडेंट वेलफेयर व मार्केट वेलफेयर कमेटियों के साथ रेगुलर मीटिंग करनी चाहिए। उनका विश्वास हासिल करना चाहिए।
एसएसपी ने डीसीसी, थाना-34 और बाकी एसएचओज को भी आरोपियों की तलाश में लगाया…
चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने आरोपियों को तलाशने का जिम्मा अब साउथ डिवीजन के सभी एसएचओज को दे दिया है। सभी को कहा कि प्रवीण शाह, कांस्टेबल शिव और अन्य आरोपियों को तलाशा जाए। सभी जांच में जुट गए है, हालांकि अब तक कोई आरोपियों को दबोच नहीं सका है। वहीं, दूसरी तरफ सूत्रों के मुताबिक जल्द आरोपी इस केस में एंटी स्पेटरी यानि अग्रिम जमानत याचिका दायर कर रहे हैं ताकि पुलिस की सख्त इंटेरोगेशन से बच सके।