
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने ने कहा-सरकार को 2022-23 में रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान
चंडीगढ़ दिनभर
नई दिल्ली. खराब मौसम से फसल को नुकसान के बावजूद सरकार को गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार की उम्मीद की जा रही है. सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 11.21 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार को 2022-23 में रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की उम्मीद है. तापमान चढऩे से खिले एसी विनिर्माताओं के चेहरे, बिक्री में 20 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद देश में अगले में कुछ दिनों में बढ़ेगी गर्मी, सामान्य से 3 से 5 डिग्री अधिक रह सकता है तापमान ठंड को अब अलविदा कहें और गर्मी के लिए हो जाएं तैयार, आईएमडी ने बताया अगले 24 घंटे कैसा रहने वाला है मौसम
बता दें, देश के कुछ हिस्सों में खराब मौसम से फसल को नुकसान के बावजूद सरकार को गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार होने उम्मीद है. हालांकि, इससे फसल की गुणवत्ता कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है. सरकार ने 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 11.21 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है. कुछ राज्यों में गर्मी की लहर के कारण इससे पिछले वर्ष में गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10.77 करोड़ टन रह गया था. चोपड़ा ने कहा, ”पिछले दो सप्ताह में खराब मौसम के कारण गेहूं की फसल को कुछ नुकसान हुआ है. सचिव ने कहा कि मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील दी गई है और केंद्र जल्द ही पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील देने पर विचार करेगा.
सरकारी एजेंसी एफसीआई और राज्य एजेंसियां कई राज्यों में खरीद शुरू कर चुकी हैं.
केंद्र ने सोमवार को कहा था कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल की बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को लगभग 8-10 प्रतिशत नुकसान होने का अनुमान है. सरकार ने आगे कहा कि देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से इसकी भरपाई हो सकती है. 2021-22 और 2022-23 दोनों में मौसम के लिहाज से असामान्य रबी (सर्दी-वसंत) फसल के मौसम और उपज में कमी देखी गई है, 2021-22 सीजऩ बहुत अधिक वर्षा द्वारा चिह्नित किया गया था. देश में सितंबर 2021 से जनवरी 2022 तक हर महीने सामान्य लंबी अवधि के औसत से अधिक बारिश हुई. इसके बाद औसत अधिकतम तापमान के मामले में अब तक का सबसे गर्म मार्च था.