
दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि देश के धैर्य की परीक्षा न ले
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि देश के धैर्य की परीक्षा न ले। उन्होंने कहा कि कल गंगा में मेडल बहाने हरिद्वार पहुंचे खिलाडिय़ों के मन में कितनी टीस रही होगी कि उन्होंने इतना कठोर कदम उठाने का फैसला किया। ये सरकार कितनी निदर्यी, असंवेदनशील है जिसने उन्हें ऐसा सोचने को मजबूर कर दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मेडल का त्याग किसी भी खिलाड़ी के लिये अपने प्राण त्यागने से कम नहीं। विश्वस्तर पर अगर सरकार की छवि खराब करने का काम कोई कर रहा है तो वह स्वयं ये सरकार है। उन्होंने कहा कि देश के दिल में इस बात का दर्द है कि प्रधानमंत्री जी ने मेडल बहाने जा रहे खिलाडिय़ों को रोकने की अपील करना भी उचित नहीं समझा।
दुनिया में क्या संदेश गया होगा। दुनिया के किसी भी देश में खिलाडिय़ों के साथ ही नहीं अपनी बेटियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं हुआ होगा। सरकार के व्यवहार से ऐसा लगता है कि वो खिलाडिय़ों से ही नहीं, देश के लिये जीते गये पदकों से भी घृणा कर रही है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से खिलाडिय़ों से गंगा में मेडल बहाने, आमरण अनशन के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की और कहा कि ये मेडल आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण की मेहरबानी से नहीं मिले बल्कि वर्षों की उनकी मेहनत, तप और माता-पिता के त्याग से प्राप्त हुए हैं। ये मेडल देश का गौरव हैं, इनसे हिन्दुस्तान के 135 करोड़ लोगों की भावनाएं जुडी हुई हैं। इनमें अखाड़े की मिट्टी, खिलाडिय़ों का खून-पसीना, मां-बाप के आंसू, उनका संघर्ष सब मिले हुए हैं।
न्याय की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी और पूरा देश अपनी बेटियों के साथ हैं बेटियों को न्याय मिलने तक उनके साथ खड़े रहेंगे। मुख्यालय पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि समान नागरिक संहिता की बात करने वाली भाजपा ये बताए कि क्या इस देश में भाजपा नेताओं के लिये अलग और 135 करोड़ भारतवासियों के लिये अलग-अलग कानून है? क्या कारण है कि सरकार ऐसे आरोपी को जिसपर देश की सात-सात बेटियों ने गंभीर आरोप लगाये, उसको बचाने के लिये अपनी पूरी मशीनरी झोंक रही है। भाजपा के चाल चरित्र को पहले भी लोगों ने देखा है। हाथरस, कठुआ, हरियाणा के खेल मंत्री हों या बृजभूषण की बात हो सत्ताधारी दल आरोपियों को बचाने में लगा हुआ है। हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह आज भी कैबिनेट
में हैं।
अगर इस देश में न्याय नहीं होगा तो कौन अपनी बहन, बेटी को खेल के मैदान में प्रैक्टिस के लिये भेजेगा? उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत स्पष्ट तौर पर आरोपी को बचाने की है जिसकी पीड़ा देशवासियों के दिल में है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का ये कहना कि मेडल तो 15 रुपये में मिल जाते हैं, देश का अपमान है। जो इनाम और पद मिलते हैं वो मेडल को ही तो मिलते हैं। क्या मेडल जीते बिना राह चलते किसी भी व्यक्ति को इनाम या पद दे सकते हैं? कांग्रेस पार्टी चुनौती देती है कि वो ओलंपिक मेडल खरीद कर दिखाए। उन्होंने कहा कि इन खिलाडिय़ों को सरकार के उदासीन रवैये के कारण करीब सवा महीने तक सड़कों पर भूखे-प्यासे बैठना पड़ा, जहां प्रैक्टिस का भी कोई प्रबंध नहीं था। अगर खिलाड़ी अनशन पर बैठ गये तो फिर क्या बचेगा। क्या भूख हड़ताल पर बैठा हुआ खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीत पायेगा।