
नगर निगम के वाटर वक्र्स कर्मचारियों ने उपभोक्ता के घर जाकर मानी गलती
पानी के बिल रीडिंग से ज्यादा आना चंडीगढ़ में आम बात हो चुकी है। आए दिन ऐसी शिकायतें आती हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारी अपनी गलती मानने के बजाय उपभोक्ता हो की गलत ठहरा देत हैं। पिछले दिनों चंडीगढ़ दिनभर ने सबूत समेत सेक्टर-49 के मकान नंबर 2967 के ज्यादा बिल आने संबंधी एक खबर प्रकाशित की। जिसमें मीटर रीडिंग ही गलत लिखी हुई थीं। और ऐसा पिछले कई महीनों से जारी था। खबर प्रकाशित होने के बाद नगर निगम अधिकारियों की नींद टूटी और उन्होंने अपनी गलती मानते हुए उपभोक्ता का बिल ठीक कर दिया। जो बिल 6843 रुपए का बनाया गया था, गलती सुधार के बाद वह बिल मात्र 464 रुपए कर दिया गया है।
यानी कि लगभग 15 गुना कम। इसी से आप समझ सकते हैं कि नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा मनमाने बिल जारी करने से किस कदर उपभोक्ताओं की जेब काटी जा रही है। प्रताडि़त उपभोक्ता ने बताया कि उन्होंने बिल ठीक करने संबंधी कई बार सेक्टर-32 वाटर वक्र्स के चक्कर लगाए लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। जैसे ही खबर प्रकाशित हुई कर्मचारी उनके घर आए और बिल में दर्ज यूनिट को ठीक किया और बिल को भी सही कर दिया। इससे तो यही साबित होता है कि जिस उपभोक्ता के घर पर कर्मचारी मीटर रीडिंग करने नहीं आते, उन्हें अपने मीटर और बिल में दर्ज रीडिंग को चेक करना चाहिए। ताकि कर्मचारियों की लापरवाही को उजाकर किया जा सके। निगम को अपने कर्मचारियों पर लगाम कसनी चाहिए और उन्हें रीडिंग नोट करने भेजना चाहिए ताकि किसी भी उपभोक्ता को परेशान न होना पड़े।
पाइप से लेकर मीटर बदलवा दिया
पानी का बिल ठीक करवाने पहुचे उपभोक्ता से सेक्टर 32 स्थित वॉटर वर्कस में कार्यरत कर्मचारियों ने पाईप से लेकर मीटर तक बदलवा दिया जबकि गलती उनके विभाग की थी। विभाग के कमान संभालने वाले आला अधिकारियों को स त हिदायत देनी चाहिए कि ज्यादा बिल आने की शिकायतों को प्राथमिकता देते हुए समाधान करने का प्रयास करें।
सही मीटर को बता देते हैं खराब
इस मामले में सामने आया था कि कर्मचारी पानी के मीटर की रीडिंग लिखने नही आते हैं और वैसे ही बोल देते है कि मीटर खराब हैं। कर्मचारी बिना मीटर को देखे ही मीटर को खराब होने , पाईप लीकेज होने जैसी बाते कह उपभोक्ता को परेशान करने में लगे हैं। जबकि पानी का मीटर बिलकुल ठीक है और कोई भी पाईप लीकेज नही होती।
बिल अनाप शनाप आने से उपभोक्ता परेशान
निगम से भेजे जा रहे पानी के बिल अनाप शनाप आने से उपभोक्ताओं को अतिरिक्त भार झेलना पड़ रहा है। आरोप है कि कार्यालय में बैठ कर बिल बना कर उपभोक्ताओं को भेज दिया जाता है। पानी के मीटर की रीडिंग लेने नगर निगम कर्मचारी नही आते हैं। नगर निगम कर्मचारी मनमर्जी से पानी के बिलों पर रीडिंग लिख भेज रहे है। उसी हिसाब से पानी का बिल थमा दिया जाता हैं। बिल न जमा करने पर कनेक्शन को काट दिया जाता है, जबकि सारी गलती नगर निगम के अधीन आने वाले वाटर वक्र्स में बैठे अधिकारियों व कर्मचारियों की होती है।