
चंडीगढ़ । पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की ओर से मोहाली स्थित केंद्र को और अधिक सक्रिय करने के लिए नए युग के साथी 33 नए शार्ट टर्म कोर्स शुरू किए गए हैं। इसकी शुरुआत पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने किया। यह कोर्स सबुद्ध फाउंडेशन के सहयोग से शुरू किये गए हैं। केंद्र को सक्रिय करने के पड़ाव के तौर पर पिछले दिनों इसका नाम बदल कर पंजाबी यूनिवर्सिटी सैंटर फार इमर्जिंग एंड इनोवेटिव टेक्नोलॉजी, मोहाली कर दिया गया था। अब कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डाटा साईंस से सम्बन्धित यह नये कोर्स शुरू किये गए हैं। मोहाली में इस केंद्र में रखे गए विशेष उद्घाटनी सैशन के दौरान बोलते हुये कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि समय की जरूरत अनुसार ऐसे कोर्सों की शुरुआत से पंजाब में एक नये युग की शुरुआत हो गई है।
वह प्रौद्यौगिकी जिसने नये युग की शुरुआत करनी है, उसके साथ जुडऩा समय की ज़रूरत है। अब पंजाब जाग गया है और तकनीक के नये दौर में ज़रुरी ऐसे नये किस्म के कोर्स अब पंजाब के नौजवानों को और ज्यादा समर्थ बनाऐंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में अब सही मायनों में शिक्षा का दौर शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि वह पंजाबी यूनिवर्सिटी की इस विशेष पहल के बारे पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के साथ भी विचार-चर्चा करेंगे जिससे इस दिशा में और अधिक क्षमता सहित काम किया जा सके। वाइस चांसलर प्रो. अरविन्द ने इस मौके पर बोलते हुये कहा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी ने यदि सही मायनों में नये समय का साथी बनना है तो लाजि़मी है कि ऐसे नये कदम उठाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि रिवायती किस्म के कोर्सों के साथ-साथ अब हमें ऐसे विशेष किस्म के प्रोग्राम भी लाजि़मी रूप में शुरू करने पड़ेंगे। इस मौके पर उन्होंने यूनिवर्सिटी द्वारा पहले शुरू किये गए पाँच वर्षीय इंटीग्रेटिड कोर्सों का भी जिक्र किया और अलग-अलग मंतव्यों के लिए स्थापित किये कुछ अकादमिक केन्द्रों के बारे भी बात की।
एक टिप्पणी के दौरान उन्होंने कहा कि अब यूनिवर्सिटी की प्रयोगशालाओं में पचास साल पहले किये जाने वाले प्रयोगों के सहारे काम नहीं चलाया जा सकता बल्कि हर क्षेत्र में हर पक्ष से अपडेट होने की ज़रूरत है। उन्होंने प्रौद्यौगिकी के स्वरूप के बारे बात करते हुये कहा कि प्रौद्यौगिकी का क्षेत्र बहुत तेज रफ़्तार से बदलता है। इसलिए इन नये शुरू किये जाने वाले कोर्सों का पाठयक्रम निरंतर तौर पर बदला जाता रहेगा। सबुद्ध फाउंडेशन के सह-संस्थापक (को-फाऊंडर) सरबजोत सिंह ने इस मौके पर अपनी संस्था के शुरुआती पड़ाव और इसके काम करने के तरीकों और काम की किस्मों के बारे विस्तार में बताया। उन्होंने बताया कि वह विदेश से इस प्रौद्यौगिकी की शिक्षा हासिल करके आए थे। यहाँ आकर उन्होंने पंजाब को अपनी कर्म भूमि के तौर पर चुना न कि इस क्षेत्र के दूसरे माहिरों की तरह दक्षिणी भारत के प्रसिद्ध शहरों का रूख किया। जि़क्रयोग्य है कि सबुद्ध फाउंडेशन एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है जो डाटा साईंस के क्षेत्र में काम करती है। फाउंडेशन ने सिफऱ् पंजाबी यूनिवर्सिटी के साथ ही नहीं बल्कि उत्तरी भारत के सरकारी अदारों गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, संत लोंगोवाल इंस्टिट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी और गुरू नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज लुधियाना के साथ भी करारनामे किये हुए हैं। इन नये कोर्सों में विद्यार्थियों के साथ-साथ काम कर रहे पेशेवर और कारोबारी लोग भी दाखि़ला ले सकते हैं।