
इन्फोसिस फाउंडेशन और अर्पण ने बुडै़ल जेल को दान की मशीनें
सेक्टर-22 स्थित नवसृजन स्टोर में कैदियों के हाथों की बनी मिठाइयों समेत काफी सामान मिलता है, जो काफी अच्छी क्वालिटी का है। लोगों द्वारा यहां मिलने वाले सामान की काफी तारीफ भी की जाती है।
आईटी के युग में आए दिन तकनीक बदल रही है। इसी दिशा में अब कैदियों को भी हाईटेक मशीनें चलाने की दिशा में द इन्फोसिस फाउंडेशन बेंगलौर ने अर्पण चंडीगढ़ के साथ मिलकर जेल को हाईटैक मशीनें डोनेट की हैं। ये मशीनें सुरेश शैनॉय ट्रस्टी और अर्पण के ट्रस्टी तरविंदर कुमार ने जेल एडिशनल सुपरिंटेंडेंट अमरदीप सिंह और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट जेल परवीन कुमार को सौंपीं। अमनदीप ने कहा कि इन मशीनों को यहां तक पहुंचाने में आईजी जेल दीपक पुरोहित और एडिशनल आईजी जेल पालिका अरोड़ा का बहुत बड़ा हाथ है।
उन्होंने बताया कि इन मशीनों से जेल का सिलाई सेक्शन हाईटेक हो जाएगा। कैदियों को नई तकनीक से सिलाई का काम सिखाया जाएगा। साथ ही ग्राइंडिंग मशीनों से मसालों वाला सेक्शन भी काफी बेहतर होगा। इससे मसालों की क्वालिटी बढ़ेगी और जनता को नवसृजन दुकान पर मसालों की बेहतर क्वालिटी वाली रेंज मिलेगी। उन्होंने बताया कि जेल में अब बाजरे का आटा, रागी का आटा और चने का आटा भी पीसा जाएगा जो दुकान पर उपलब्ध होगा। इसके अलावा जेल में जूट बैग बनाने का सेक्शन भी शुरू किया जा रहा है। उन्होंने इन्फोसिस फाउंडेशन और अर्पण सोसायटी का मशीनें देने के लिए धन्यवाद किया।

कौन-कौन सी मशीनें दी गईं
2 मल्टीपर्पज ग्राइंडिंग मशीन, 2 एडवांस कटिंग मशीन, जुकी कंपनी की 2 सिलाई मशीन, 2 हैवी ड्यूटी ए ब्रॉयडरी मशीनें, जुकी की 4 हाईस्पीड लॉकस्टिच मशीन, सिंगर कंपनी की जूट बैग सिलने वाली 10 मशीनें, 2 डीटेक जूट कटिंग मशीन, 1 बैल हीव ड्यूटी जूट कटिंग मशीन, जूट के कपड़े को काटने वाली 10 कैंची (12 नंबर), सिंगर मशीन की सूईयां व अन्य सामान।