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मुख्यमंत्री भगवंत मान का किसानों को कृषि में बेमिसाल तबदीली का न्यौता

चंडीगढ़ दिनभर

पंजाब के लिए फ़सलीय विविधता को अहम ज़रूरत बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को कपास, बासमती और मूँग की दाल जैसी वैकल्पिक फसलें अपनाकर कृषि में बेमिसाल तबदीली लाने का न्योता दिया। राज्य के किसानों को वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की जरख़ेज़ ज़मीन पर कई फसलें उगाई जाती थीं, परन्तु धीरे-धीरे किसान धान तक सीमित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसका राज्य की आर्थिकता पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि इसके लिए बिजली और पानी का बहुत अधिक प्रयोग करना पड़ता है, जिससे पंजाब के कई इलाके डार्क ज़ोन में आ चुके हैं। इसके साथ-साथ पराली जलाने और अन्य समस्याएँ भी पैदा होती हैं। भगवंत मान ने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए वैकल्पिक फसलें अपनाने की ज़रूरत है, जिसके लिए राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व अधीन एक समिति बनाई गई है, जो वैकल्पिक फसलों के बारे में सुझाव देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए राज्य सरकार पहली अप्रैल से कपास की फ़सल के लिए नहरी पानी मुहैया करने की गारंटी देने के साथ-साथ पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू.) से प्रमाणित कपास के बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देगी।
इसके साथ-साथ कपास की फ़सल पर बीमा और बासमती पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) दी जाएगी। धान के कारण पेश कई समस्याओं पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि कपास और कपास की कृषि अधीन क्षेत्रफल बढ़ाकर इस समस्या को जड़ को ख़त्म किया जा सकता है, जिसके लिए सरकार ने कपास के लिए पहली अप्रैल से नहरी पानी मुहैया करने का फ़ैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिप्टी कमिश्नरों और सीनियर कप्तान पुलिस को नहरी पानी की चोरी रोकने के लिए पुलिस बल तैनात करने का आदेश दिया गया है, जिससे टेलों पर पड़ते किसानों को लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि अपनी तरह की पहली ‘किसान-सरकार मिलनीÓ के दौरान प्रभावशाली किसानों द्वारा पानी चोरी करने का मुद्दा उठा था, जिसके लिए राज्य सरकार ने इसके साथ सख़्ती से निपटने का फ़ैसला किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे अच्छी गुणवत्ता वाली कपास की फसल पैदा होगी। उन्होंने किसानों को नकली बीजों का प्रयोग न करने के लिए प्रेरित किया। फ़सलीय विविधता के लिए उठाए जा रहे अन्य कदमों संबंधी बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा सर्टिफाइड कपास बीजों पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देने का ऐलान किया, जिससे अच्छी पैदावार वाले बीज किसानों के लिए कम कीमतों पर उपलब्ध हों। सफ़ेद मक्खी और गुलाबी सूंडी के हमले का मुकाबला करने के लिए भी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
भगवंत मान ने ज़ोर देकर कहा कि इन समस्याओं के ख़ात्मे के लिए नए कीटनाशकों की व्यापक खोज का फ़ैसला लिया गया है। सभी प्राकृतिक आपदाओं से किसानों के हितों की रक्षा की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि कपास की फ़सल के नुकसान की पूर्ति के लिए राज्य सरकार बीमा योजना पर विचार कर रही है। जिससे किसानों को इस सम्बन्धी किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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