डॉ. तरूण प्रसाद 69

चंडीगढ़ दिनभर

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में से बाल मज़दूरी के ख़ात्मे के लिए अहम कदम उठाए जा रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं विकास मंत्री डा. बलजीत कौर ने जानकारी देते बताया कि मिशन वात्सलय स्कीम के अंतर्गत विभाग बाल मज़दूरी के चंगुल में फंसे बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के मद्देनजऱ उनकी भलाई को यकीनी बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान, चंडीगढ़ में बाल मज़दूरी के ख़ात्मे और पुनर्वास पर राज्य स्तरीय वर्कशाप करवाई गई।

उन्होंने बताया कि इस वर्कशाप का मुख्य उद्देश्य बाल मज़दूरी के विरुद्ध एक्शन महीना के अंतर्गत बच्चां के बचाव और पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल हरेक हिस्सेदार की जिम्मेदारियां निर्धारित करना था। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, लेबर, पुलिस और शिक्षा समेत अलग-अलग विभागों के नुमायंदों की तरफ से प्रभावी छापेमारी और बचाव कामों की योजना बनाने और चलाने के लिए वर्कशाप में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि जि़ला स्तर पर बाल मज़दूरी के विरुद्ध कार्यवाही को यकीनी बनाने के लिए डिप्टी कमिशनरों की अध्यक्षता अधीन जि़ला टास्क फोर्स का गठन किया गया।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राज्य में बाल मज़दूरी जैसी कुरीति को जड़ से ख़त्म करने के लिए पंजाब के सभी जिलों में बड़े स्तर पर बचाव कार्य किये। जि़ला बाल सुरक्षा यूनिटों ने बचपन बचाओ आंदोलन (बी. बी. ए.) के सहयोग के साथ झुग्गी- झौंपडिय़ों, स्कूलों, ढाबों और खाने-पीने की दुकानों में जागरूकता मुहिम चलाई गई। उन्होंने बताया कि बाल मज़दूरी के ख़ात्मे के सम्बन्ध में पंजाब भर में कुल 131 छापे मारे गए, जिसके नतीजे के तौर पर 173 बच्चों को बचाया गया। बच्चों को बचाने के लिए अमृतसर में 3, लुधियाना में 7, पटियाला में 8, बठिंडा में 1 और रूपनगर में 3 एफ. आई. आर. दर्ज करवाई गई। अपराधियों के विरुद्ध बाल और किशोर मज़दूरी (प्रबंधन और नियम) एक्ट, 1986 की धारा 14-डी के अंतर्गत लेबर इंस्पेक्टरों द्वारा 33 चालान पेश किये गए थे।

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