People of Jat community gathered from all over the world

पंचकूला के इंद्रधनुष ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय जाट अधिवेशन के कार्यक्रम में विश्वभर से जाट समाज के लोग एकत्रित हुए। अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामअवतार पलसानिया एवं संयोजक पीएस कलवानिया ने राष्ट्रीय जाट अधिवेशन में पहुंचे सभी अतिथियों का स्वागत किया ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने की। इस मौके पर उद्योगपति चौधरी राम सिंह कुलहरी ने कहा कि हमारे बच्चों को हमारे महापुरूषों से प्रेरणा लेनी चाहिए तथा जैसे गवर्नर आचार्य देवव्रत ने स्कूल एवं गुरुकुल से अनेक बच्चों का भविष्य बनाने का काम किया है हमें इस को आगे बढ़ाना चाहिए । लंदन में रहने वाले रोहित अहलावत ने कहा कि लंदन की भूमि पर भी जल्दी ही जाट भवन होगा आज हमें अपने समाज को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

पूर्व डीजीपी हरियाणा एमएस मलिक कहा कि हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है युवाओं को राजनीति में आना चाहिए। जम्मू कश्मीर से आए पूर्व मंत्री सरदार रणजीत सिंह, मनजीत सिंह ने कहा कि एक समय ऐसा था जब हमारे समाज के 5-5 मुख्यमंत्री और कई कैबिनेट मंत्री होते थे। आज सिर्फ पंजाब में हमारा मुख्यमंत्री है हमें व्यापार में भी आगे बढ़ना चाहिए तथा फिजूलखर्ची को रोकना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि किसान का बेटा बेटी विदेश में पढ़ाई करने जाए तो सरकार को उसकी मदद करनी चाहिए और उन्होंने सर छोटू राम की डॉक्यूमेंट्री बनाने पर पलसानिया एवं कलवानिया की सराहना की । अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जाट समाज हमेशा से ही समाजों की दूसरे की मदद करता है किसी भी समाज का कोई भी व्यक्ति मदद मांगना है तो जाट समाज सबसे पहले उसकी मदद करने को तैयार रहता है। इस मौके पर सोमवीर सागवान विधायक हरियाणा, वीरेंद्र कादयान विधायक आम आदमी पार्टी दिल्ली, विक्रम सिंह रंधावा पूर्व विधायक जम्मू-कश्मीर, अमृत कौर गिल प्रवक्ता पंजाब कांग्रेस कमेटी, आचार्य सुरेश मलिक पानीपत हरियाणा, दीप सिसाय प्रमुख व्यवसाय, अमित ढुल्ल सुपरस्टार सिंगर , केडी रॉकस्टार सिंगर, एंडी जाट सुपरस्टार सिंगर, अहमदाबाद से अनिल बेनीवाल,बलवान सिंह, सुरेंद्र मलिक सुभाष जाट, भूपेंद्र लाठर करनाल दादा बलजीत सिंह मलिक प्रधान मलिक खाप, बलजीत रेड्डी लक्ष्मी डेहरी जींद सहित समाज के कई बड़े लोग मौजूद रहे।

उन्होंने कहा कि जाट समाज का इतिहास इतना गरिमा पूर्ण एवं बलवान है। लेकिन इतिहासकारों ने समाज के लिए बलिदान देने वालों के साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने वीर गोकुला जाट का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने 20000 जाटों की फौज तैयार कर औरंगजेब से तीन बार युद्ध लड़े तथा इस फौज में सभी लड़ाके बिना वेतन के काम करते थे। उन्होंने चौधरी सर छोटूराम का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने तीन बातें कही थी किसान बोलना सीख लें एक दुश्मन को पहचाना सीख लें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap