Police

रेप केस में बचाने की एवज में मांग रहे थे 50 हजार, 20 हजार लेते गिरफ्तार

चंडीगढ़ दिनभर
सीबीआई ने चंडीगढ़ पुलिस के एएसआई वरिदंर राणा और हवलदार रणदीप को रेप केस में बचाने की एवज में 20 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है, जबकि आरोपियों ने मांग 50 हजार की थी। अब सवालों के घेरे में थाना पुलिस और चौकी पुलिस भी। आरोपियों को सीबीआई ने जिला अदालत में पेश किया। इस दौरान सीबीआई ने दोनों का चार दिन का रिमांड मांगा। सीबीआई कोर्ट ने दोनों पुलिसकर्मियों को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। आरोपी पक्ष से वकील दीपा दुबे ने सीबीआई रिमांड का विरोध करते हुए सीबीआई की एफआईआर पर सवाल खड़े किए। कोर्ट में आरोपी रणदीप के बच्चों की कथित रुप से सीबीआई कर्मियों द्वारा पिटाई करने की शिकायत भी की गई। लेकिन सीबीआई ने इसका खंडन किया। आरोपी हवलदार के परिजनों और सीबीआई के बीच में काफी कहासुनी भी हुई। परिजनों ने गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई का विरोध भी किया। हवलदार की पत्नी ने सेक्टर-17 पुलिस स्टेशन में सीबीआई के खिलाफ शिकायत दी है। सीबीआई ने भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में एएसआई वरिदंर का नाम रविदंर लिखा हुआ है।

रेप केस की कर रही थी जांच थाना व चौकी पुलिस

सीबीआई द्वारा एएसआई वरिदंर और हवदलदार रणदीप जिस रेप केस में रिश्वत लेते पकड़ा गया है। उस केस की जांच पुलिस स्टेशन-11 और सेक्टर-24 चौकी पुलिस मिलकर कर रही थी जबकि इसकी शिकायत एसएसपी विंडो में भी नहीं दी गई है। अब सवालों के घेरे में थाना और चौकी पुलिस दोनों ही है। क्योंकि अब सुपरविजन किसकी तय की जाएगी। वहीं, अब सभी अपना अपना पल्ला झाडऩे में लगे हुए हैं कि हमें तो केस में मामले में बारे में पता ही नहीं।

सीबीआई की पास है रिकॉर्डिंग

सीबीआई के पास दोनों आरोपियों की रिकॉर्डिंग मौजूद है। एएसआई वरिंदर और हवलदार रणदीप राणा की भी।
एएसआई वरिंदर की रिकॉर्डिंग में पैसों की बात
एएसआई : तू बलात्कार कित्ता होना?
शिकायतकर्ता नहीं : नहीं बेवजह फंस गया। मैं ता कुछ कित्ता नहीं।
एएसआई: तू निबेड़ के जा हुन।
शिकायतकर्ता : दस हजार दे दित्ते, बाकि होले होले निबेड़ दूंगा। एक साथ नहीं दे सकता।
एएसआई : जल्दी निबेड़, बाकि राणा दस दूंगा।
हवलदार रनदीप राणा की रिकॉर्डिंग
हवलदार: तू कैंदा है, आंदा नहीं। ठीक नहीं है।
शिकायतकर्ता : यार, मैं जद गलत काम कित्ता ही नहीं।
हवलदार : जा तूं, फेर रोटियां खा खेत विज,जद कुछ होया,फिर न आई मेरे कोल।
शिकायतकर्ता : तां, फिर की करा, बता यार।
हवलदार : मैनू की, मैं तो यारी दोस्ती विच गल कर रहा है, अफसर बाद विच खुद नबेड़ लेंगे।
शिकायतकर्ता : यार तूं ही निबेड़।
हवलदार : ओही ता कै रहा हूं,निबेड़ लै।
शिकायतकर्ता : यार पैसे जायज जायज दस दे।
हवलदार : मेरी बात सुन इस टॉपिक को बंद कर दे।
शिकायतकर्ता: किनने दवां, यह दस दे।
हवलदार: मैं ता कुछ रखना नहीं, तूं दस दे अपने आप, अफसरा ने आप देखना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap