
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। बुधवार शाम को सेक्टर-7 स्थित निक बेकर की शॉप में जिला होशियारपुर के प्रोपटी डिलर भुपिदर की पिस्टल गिर गई। जिसके बाद निक बेकर की ओर से इसकी सूचना पुलिस कट्रोल रूम पर दी गई। जिसके बाद मौके पर थाना पुलिस पहुंची और भुपिदंर को अपने साथ पुलिस स्टेशन में ले गए। भुपिदंर के पास पंजाब का लाइसेंस है और वह पिस्टल को चंडीगढ़ में कैरी नहीं कर सकता। लेकिन थाना-26 पुलिस मामलें में लिॅपापोथी करने में जुटी हुई है। जबकि कानून के मुताबिक देखा जाएं तो मामले में भुपिदंर के खिलाफ एफआईआर बनती है। अगर देखा जांए तो पुलिस एक मामूली झगड़े में पर्चा दर्ज कर गिर तार कर लेती है। जबकि इस केस में तो पिस्टल लेकर प्रोपटी डिॅलर भुपिदंर बिना परमिशन के चंडीगढ़ में सरेआम घूम रहा है। अगर वह चंडीगढ़ में किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे देता तो, मगर सवाल उठता है कि इस मामलें में पुलिस कारवाई करने में इतनी ढ़ील क्यों कर रही है।
वाशरूम में गिरी पिस्टल
सेक्टर-7 निक बेकर की ओर से पुलिस कट्रोल रूम पर कॉल की गई जिसके बाद थाना पुलिस शॉप में पहुंची। और वहां पर निक बेकर में काम करने वाले कर्मचारी हरकिरत ने पुलिस को बताया कि एक व्यक्ति शॉप में सामान लेने के लिए आया था। उसी दौरान वह वाशरूम में चला गया वहां से आने के बाद वह सामान लेकर चला गया। कुछ देर बाद वह वाशरूम में गया तो उसने देखा कि वहां पिस्टल गिरी पड़ी थी। जिसके बारे में उसने शॉप में मौजूद अन्य मैंबर को बताया और फिर पुलिस को सूचना दी पुलिस से पहले वहीं आ गया जिसकी पिस्टल गिरी थी। और कुछ देर बाद पुलिस भी पहुंच गई पता चला है कि भुपिंदर पहले खुद को मुलाजिम बताता रहा। जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले भी चंडीगढ़ में पंजाब के एक बड़े अधिकारी के बेटे के पास पिस्टल मिली थी और जब जांच की गई तो उसके पास भी चंडीगढ़ में कैरिंग करने की परमिशन नहीं थी। मामलें में बड़े अधिकारी का बेटा शामिल था जिसके चलते पुलिस खुद ही कारवाई करने से पीछे हटती रही और बाद में बिना कारवाई किए ही उसे छोड़ दिया गया।