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उत्तराखंड : उत्तरकाशी में 40 जिंदगियों के लिए रेक्स्यू ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है. सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.सुरंग में फंसे मजदूरों को 100 घंटे से ज्यादा समय हो गया है। मजदूरों की शिकायत है कि उन्हें सिर दर्ज, उल्टी, मचली जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि चिकित्सा टीम जरूरी दवाईयां, ग्लूकोज समेत अन्य जरूरी सामान अन्दर भेज रही है। सेना, एनडीआरएफ और अन्य बचावकर्मियों की टीम बचाव अभियान में जुटी हुई है। अब हादसे के पांच दिन बाद मजदूरों की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई है। बुधवार को मजदूरों ने सिर दर्ज, पेट दर्ज और उल्टी जैसी बिमारियों की शिकायतें की हैं। हालांकि मजदूरों को स्वस्थ्य रहने के लिए पतली पाइप की मदद से सुरंग के अंदर जरूरी दवाइयां, ड्राइ फ्रूट्स, मल्टीविटामिन, जैसे सामान पहुंचाए जा रहे हैं। टनल के बाहर एक 6 बेड वाला अस्थायी अस्पताल का भी सेटअप किया गया है और गंभीर मामलों को ऋषिकेश एम्स भेजने के भी इंतेजाम किए गए हैं। सुरंग के प्रदेश द्वार से लगभग 200 मीटर अंदर मजदूर फेंस हुए हैं और सुरंग द्वार पर 50 मीटर तक मलवा पड़ा हुआ है, जिसकी वजह से बचावकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेट से मलवे को हटाने के लिए दिल्ली से कई अत्याधुनिक मशीने मंगाई गई हैं।
गौरतलब है कि टनल में फंसे हुए मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए भारतीय मूल के अमरीकी सांसद कांग्रेसमैन श्री थानेदार ने यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलेपमेंट से इस बचाव अभियान में सहयोग की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह हादसा एक स्थानीय संकट नहीं है, बल्कि मानवीय संकट है, जो ग्लोबल ध्यान और मदद की मांग कर रहा है।

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