
डिसिप्लीन पुलिस का अनडिसिप्लीन
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़ के डीजीपी ने लाखों चिट्ठियां और आदेश दे रखे हैं कि कोई भी पुलिसकर्मी बिना उनकी इजाजत सीधे होम सेक्रेटरी को भी चिट्ठी न लिखे। लेकिन डिसिप्लीन पुलिस ने अब अनडिसिप्लीन की सारी हदे ही पार कर दी है। आलाअधिकारियों से मिलने की जगह अब पॉलिटिकल मदद लेना शुरू कर दिया है वो भी एसी बस में सैर करने के लिए। इसमें वह बिना अपने बेड़े अधिकारियों की इजाजत लेना तो दूर उनको बताएं बगैर ही सीधा बीजेपी कार्यलय तक पहुंच गए। गौरतलब है कि चंडीगढ़ पुलिस में लागू पंजाब पुलिस एक्ट में साफ लिखा है कि पुलिस को किसी तरह की पॉलिटिकल मदद नहीं लेनी चाहिए न ही ऐसा कोई कार्य करना चाहिए जिससे पुलिस में पॉलिटिकल इंटरफ्रेंस शुरू हो। ऐसा करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ अनुशानत्मक कार्रवाई करने का भी प्रावधान भी पंजाब पुलिस एक्ट में है।
लेकिन इन पुलिसवालों को क्या पता था कि वो तो मदद लेने के लिए बीजेपी कार्यलय पहुंचे हैं। लेकिन मदद मिलने से पहले पॉलिटिकलगेन के लिए चंडीगढ़ बीजेपी प्रधान अरुण सूद ने उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी कर दीं। हालांकि इसमें सूद की कोई गलती नहीं है वह तो पार्टी प्रधान हैं। वह अपनी वाहवाही बटोरने का कोई मौका नहीं गवाएगा उसने इस मामले में भी किया। लेकिन अब देखना है कि कायदे तोडऩे वाले पुलिसकर्मियों को इससे सीख मिलेगी या अफसर इन्हें कायदे का पाठ पढ़ाएंगे। मामला पुलिस कर्मियों को मिल रही नॉन एसी बसों से जुड़ा है। पुलिस कर्मियों की मांग है कि नॉन एसी से एसी बसों में सफर करने की मंजूरी दी जाए। इसी मांग को लेकर मंगलवार को कुछ पुलिस कर्मी भाजपा नेता व अरुण सूद से सेक्टर-33 बीजेपी आफिस कमलम् में मिले। इस दौरान उन्होंने अरुण सूद से मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में उन्हें नॉन एसी बस की सुविधा मिल रही है और वह चााहते है कि उन्हें एसी बस की सुविधा दी जाए। इस पर भाजपा नेता अरूण सूद ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही इस मांग को लेकर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियो से बात करेंगे, जिसकी जानकारी अरूण सूद द्वारा फेस बुक पेज पर भी दी गई है।
सीटीयू ने मांगी थी डिटेल
चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) ने चडीगढ़ पुलिस से कई बार उन मुलाजिमोंं की डिटेल मांगी है जो सीटीयू में हर महीने सब्सक्रिप्शन के पैसे अदा कर रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस विभाग की लेट-लतीफी की वजह से सीटीयू को मुलाजिमों की डिटेल नही भेजी गई है, जिस कारण नॉन एसी से एसी बसों में सफर करने की मांग अधर में लटकी हुई है। चंडीगढ़ पुलिस विभाग की लेटलतीफी का नतीजा है कि पुलिसकर्मी नेताओं के दरबार में जा रहे हैं।