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फास्ट्रैक पॉक्सो कोर्ट का 4 महीने में आया फैसला

चंडीगढ़ दिनभर
केरल पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को अलुवा में पांच वर्षीय मासूम के साथ रेप और हत्या के मामले के दोषी अशफाक आलम को फांसी की सजा सुनाई है। केरल की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने अलुवा दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में आज बड़ा फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि दोषी आशफाक आलम ने बिहार की एक 5 साल की मासूम के साथ पहले दरिंदगी की फिर उसकी हत्या कर दी थी। अदालत ने इस मामले में बड़ा फैसला बाल दिवस के दिन और पॉक्सो अधिनियम की 11वीं वर्षगांठ पर सुनाया है। फैसला सुनाने के दौरान जज ने कहा कि आरोपी का अपराध जघन्य श्रेणी का है, इसलिए मौत की सजा दी जानी चाहिए। अभियोजन पक्ष ने भी यही तर्क दिया कि अपराध की गंभीरता के आधार पर ही सजा होनी चाहिए।

बिहार का रहने वाला अशफाक केरल में मजदूरी करता था। बच्ची के माता-पिता भी बिहार के हैं और मजदूरी करते हैं। जिस इमारत में बच्ची रहती थी, उसी बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर अशफाक रहता था।दोषी ने कोर्ट में कहा कि घटना में और भी लोग शामिल थे, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिर्फ उसे ही पकड़ा गया। कोर्ट जब अपना फैसला सुना रहा था तो बच्ची के माता-पिता कोर्ट में ही मौजूद थे। जुलाई महीने में अशफाक आलम ने पांच वर्षीय मासूम का अपहरण कर उसके साथ यौन शोषण किया फिर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद दोषी ने बच्ची के शव को अलुवा के एक स्थानीय बाजार के पीछे दलदली जगह में फेंक दिया था।

इस मामले में पुलिस ने आलम पर पॉक्सो अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न, बलात्कार और हत्या सहित 16 आरोपों में मामला दर्ज किया था। मालूम हो कि बीते 4 नवंबर को स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने आलम को सभी 16 आरोपों में दोषी करार दिया था। मंगलवार को जज ने इस मामले में अधिकतम सजा सुनाते हुए आरोपी को मौत की सजा सुनाई है।

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