
चंडीगढ़ पुलिस ने अदालत में भेजा मुख्यमंत्री भगवंत मान का चालान, 2 हजार रुपए है जुर्माना
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़ पंजाब के चीफ मिनिस्टर की लैंड क्रूजर चंडीगढ़ की सड़कों पर दौड़ रही है, जबकि उस कार के चालान का भुगतान पेंडिंग है। आम आदमी का होता, तो सड़क पर ही ट्रैफिक पुलिस दबोच लेती, लेकिन यह चालान आम आदमी पार्टी से सीएम बने भगवंत मान की कार का है जिसे चालान भुगतने का नोटिस ट्रैफिक पुलिस ने दिया पर चालान भुगता न गया।
हारकर अब ट्रैफिक पुलिस ने जिला अदालत में ही सीएम की कार का चालान जमा करवा दिया है। यानि चालान का पैसा ज्यूडिशियल फंड में जाता है। इसलिए अब कोर्ट जाने कि कैसे सीएम से चालान का भुगतान करवाना है। जिला अदालत से इस अब सीएम पंजाब के ऑफिस के नाम स मन जारी किए जा रहे हैं कि वह अपना ट्रैफिक चालान का भुगतान तुरंत करवाएं।
दरअसल सीएम पंजाब की लैंड क्रूजर की रफतार चंडीगढ़ पुलिस के कैमरे में कैद हो गई थी। जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस चंडीगढ़ ने कार्रवाई करते हुए 2 हजार रुपए का चालान काट दिया था, जोकि अभी तक ट्रैफिक पुलिस के खाते में जमा नहीं हुआ है। सीएम पंजाब की लैंड कू्रजर की गाड़ी का ओवर स्पीड चालान पहली बार नही हुआ है।
इससे पहले भी 24 अक्तूबर 2021 को सीएम की लैंड कू्रजर गाड़ी का ओवर स्पीड चालान हो चुका है, जोकि पंजाब सरकार द्वारा भर दिया गया था। वहीं, अगर देखा जांए तो चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस द्धारा करीब आधे शहर के ऑनलाइन चालान काट कर घरों में विद फोटो के साथ भेजे गए हैं। वहीं इसे लेकर जब चंडीगढ़ ट्रैफिक पूलिस की एडमिन डीएसपी हरजीत कौर ने बात की तो उन्होंने कहा कि 30 दिन तक अगर कोई चालान भरने नहीं आता तो उनकी ओर से उस चालान को कोर्ट में भेज दिया जाता है। इसलिए इस चालान को भी कोर्ट में भेज दिया गया है और आगे कार्रवाई कोर्ट ही करेगा। बता दें कि आम जनता के चालान से जो भी पैसा पुलिस बटौरती है,वह उनके खाते में नहीं बल्कि ज्यूडिशियल फंड में जमा होता है। चूंकि चालान मात्र जुर्माना नहीं है, बल्कि एक तरह की सजा ही है, जोकि ज्यूडिशियल पॉवर के अधीन ही की जाती है। जैसे आईपीसी की धारा में ज्यूडिशियल ट्रायल होता है, वैसे ही चालान में भी पूरा प्रोसेस ज्यूडिशियरी के अधीन है, जिसमें आईपीसी नहीं बल्कि मोटरव्हीकल एक्ट यूज होता है।