
हरियाणा राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली की चोरी करने वाले किसानों पर जुर्माना साढ़े 6 लाख तक की थी
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग द्वारा जारी उस सर्कुलर को अमल में लाने पर तुरंत रोक लगा दी है, जिसमें कृषि बिजली का इस्तेमाल करने वाले किसानों से बिजली चोरी करने की स्थिति में 60 गुणा तक जुर्माना वसूल करने का प्रावधान किया गया था। बिजली विभाग के उन अधिकारियों पर कड़ी नाराजगी जताई है, जिन्होंने राज्य विद्युत विनियामक आयोग के उस आदेश का सर्कुलर सीधे फील्ड में भिजवाया था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को पत्रकार वार्ता में स्पष्ट किया कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग का आकलन करने का अपना दृष्टिकोण हो सकता है, मगर प्रदेश सरकार उनके हर फैसले को लागू करने को बाध्य नहीं है। हरियाणा राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली की चोरी करने वाले किसानों पर जुर्माना राशि बढ़ाकर साढ़े 6 लाख रुपये तक कर दी थी। जबकि पहले यह दो हजार से 20 हजार रुपये तक ही हुआ करती थी।
राज्य सरकार किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली देती है, जबकि उसकी लागत 6.75 रुपये प्रति यूनिट पड़ती है। उन्होंने बताया कि हर साल करीब साढ़े 6 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी कृषि क्षेत्र को दी जाती है। दो दिन पहले बिजली विभाग के अधिकारियों ने एक सर्कुलर सभी मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण अभियंताओं, कार्यकारी अभियंताओं, एसडीओ और जेई को भिजवा दिया, जिसमें बिजली चोरी करने वाले किसानों से जुर्माना राशि बढ़ाकर वसूल करने के आदेश दिए गए थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि जुर्माना राशि बढ़ाने का फैसला तर्कसंगत नहीं है, इससे इंस्पेक्टरी राज बढ़ेगा।