
यूटी पुलिस ने बाइक चोर गिरोह का किया पर्दाफाश
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। चंडीगढ़ पुलिस ने ट्राईसिटी में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चोर गिरोह को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की। पुलिस ने तीन आरोपियों मक्खन सिंह, बलजिंदर सिंह, गुरविंदर सिंह और एक किशोर को गिरफ्तार करने चोरी की गुत्थियों को सुलझाया और उनकी गिरफ्तारी के साथ 25 दोपहिया वाहन बरामद किए गए हैं। बता दें शहर में चोरी की वारदात दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी। ऐसे में एसएसपी कंववरदीप कौर द्वारा शख्त हिदायतें दी कि बाइक चोर पर नकेल कसी जाए।
इसके बाद एसडीपीओ सेंट्रल गुरमुख सिंह के निर्देश पर सारंगपुर थाना प्रभारी हरमीन्दरजीत सिंह की निगरानी में ने खुड्डा लोहरा के पास नाका लगाया और चेकिंग के दौरान टीम ने आरोपी मक्खन सिंह, गुरविंदर सिंह और एक किशोर को चोरी के वाहन नंबर सीएच01-एजी-8359 हीरो होंडा स्प्लेंडर के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी से बरामद मोटरसाइकिल चोरी की पायी गई, आरोपी के खिलाफ 380 के तहत मामला दर्ज कर 7 पुलिस स्टेशन सारंगपुर में पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों और एक किशोर को गिरफ्तार कर लिया गया। उक्त मामले में किशोर को कोर्ट में पेश कर भेजा बाल सुधार गृह भेजा 7 अन्य दो आरोपियों को भी अदालत में पेश किया गया और आरोपी गुरविंदर सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, अभियुक्त मखन सिंह का तीन दिन का पुलिस रिमांड लिया।
पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि आज की घटना के बाद, उसने गुरविंदर सिंह और सुनील कुमार के साथ मिलकर चंडीगढ़ और पंजाब के आसपास के इलाकों से कई दोपहिया वाहन चुराए और उन्हें फिरोजपुर के इलाके में अलग-अलग लोगों को बेच दिया। लुधियाना और फिऱोज़पुर में सार्वजनिक पार्किंगों में पार्क किया गया। निशानदेही पर उपरोक्त स्थान से कुल 24 और चोरी के दोपहिया वाहन बरामद किए गए। ट्राईसिटी के विभिन्न पुलिस स्टेशनों चंडीगढ़ पंचकुला और पीएस नयागांव में दर्ज मामलो की गुथी सुलझी 7 जबकि चंडीगढ़ में दर्ज चोरी के 11 मामले सुलझे पिएस सारंगपुर के 7 मामले , पिएस 11 का 1 मामला ,पिएस 34 का 1 मामला और अन्य थाने एसएसपी ने कहा आरोपी पहले लुधियाना के एक होटल में काम करते थे। और किराए के कमरे में रहते हैं।
अक्सर वे चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए लुधियाना से ट्रेन लेते थे और वहां से पीजीआई के लिए ऑटो रिक्शा किराए पर लेते थे। नाइट फूड स्ट्रीट, पीजीआई में खाना खाने के बाद वे पीजीआई, खुड्डा लाहौरा और नयागांव और पंचकुला आसपास के इलाके से दोपहिया वाहन चोरी करते थे। वे पीजीआई के आसपास के क्षेत्र से अच्छी तरह वाकिफ हैं, क्योंकि करीबी मरीज के भर्ती होने के कारण वे कई महीनों तक पीजीआई अस्पताल में रहे। दोपहिया वाहनों को चुराने के बाद वे उसे फिरोजपुर और लुधियाना में अलग-अलग गांवों के भोले-भाले लोगों को बहुत सस्ती दर पर बेच देते थे।