
पार्किंग के बाद अब शहर में दूसरा फर्जी बैंक गारंटी का मामला, इस बार भी आरोपी अनिल ही
चंडीगढ़ दिनभर
बाबूओं के शहर में उनकी नजरअंदाजी कहे या मिलीभगत। लगातार अब घोटाले सामने आ रहे हैं। आरोपी भी पकड़े जा रहे हैं, जबकि इसमें शामिल अधिकारियों की भूमिका न पुलिस तय कर रही है और न ही संबंधित विभाग। पहले जहां करोड़ों का पार्किंग घोटाला सामने आया, उसमें आरोपी अनिल तो पकड़ा गया, लेकिन उसके साथ कौन अधिकारी मिले थे, यह अब तक सामने नहीं आया। वहीं, अब चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन डेवलपमेंट लिमिटेड यानि (सिटको) में 35 लाख का फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह इत्तेफाक ही है यह घोटाला भी फर्जी बैंक गारंटी से संबंधित है और जिसने यह घोटाला किया उसका नाम भी अनिल शर्मा ही है। खैर पार्किंग घौटाले का आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच चुका है,जबकि इस अनिल की अब तलाश जारी है। दरअसल सेक्टर-17 थाना पुलिस ने सिटको की तरफ से आई धोखाधड़ी की शिकायत के बाद ऑस्कर सिक्योरिटी एंड फायर सर्विसेज का ठेकेदार अनिल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पहले की तरह इस बार भी आरोपी के पकड़े जाने के बाद और भी खुलासे होने का दावा पुलिस ने कर दिया है।
सिटको सीजीएम हरजीत संधू द्वारा सेक्टर-17 थाना पुलिस को फर्जीवाड़े की शिकायत दी थी। कहा था कि ऑस्कर सिक्योरिटी एंड फायर सर्विसेज के ठेकेदार अनिल कुमार ने सीटको के 35 लाख की गारंटी में फर्जीवाड़ा कर लिया। सिटको के पास इस ठेकेदार ने बैंक गारंटी के जो असली दस्तावेज दिए थे, वह अपने लिंक से अनिल ने धोखे से निकलवा लिए और फर्जी कलर फोटोस्टेट कागजात जमा करवा दिए। शिकायत में यह नहीं बताया गया कि असली गारंटी के कागजात कैसे बाहर निकले और किसने इसमें अनिल का साथ दिया। आरोपी अनिल ने असल गारंटी दिखाकर पानीपत के देना बैंक से 35 लाख की सिक्योरटी निकलवा ली।