-दो दिल्ली के एजेंट, स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने की कार्रवाई
सागर पाहवा, मोहाली: स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने जमानत या पैरोल पर बाहर आए अपराधियों और गैंगस्टर को जघन्य अपराध करने के बाद फर्जी दस्तावेजों पर पासपोर्ट बनाकर बाहर भेजने के आरोप में जालंधर के रहे वाले एक व्यक्ति समेत दिल्ली के दो एजेंटों को पकड़ा है। आरोपियों की पहचान जगजीत सिंह उर्फ जीता उर्फ सोनू वासी जालंधर, मोहम्मद शाजेब आबिद उर्फ शाजेब उर्फ साजिद और मोहम्मद कैफ वासी दिल्ली के रूप में हुई है।
एसएसओसी ने बताया कि जेल में बंद अपराधी जब पैरोल या जमानत पर बाहर आते थे तो वे कई बार गंभीर अपराध कर देते थे। वहीं पैरोल खत्म होने के बाद वापस जेल में जाने के बजाय विदेश भागने की फिराक में होते थे ताकि पुलिस उन्हें फिर से न पकड़ सके। दिल्ली के दोनों एजेंट लाखों रुपए लेकर ऐसे लोगों की मदद करते थे। उन्होंने कई अपराधियों के नकली वीजा बनाकर उन्हें यूरोपीय देशों में भेजा। वे अपराधियों को पोलैंड और पुर्तगाल भेजने के लिए बांग्लादेश की तरफ से एक गुप्त रास्ते का इस्तेमाल कर रहे थे। इस सूचना पर पुलिस ने सबसे पहले जालंधर के रहने वाले जगजीत सिंह उर्फ जीता उर्फ सोनू को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों के नाम सामने आए तो रेड करके उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। जगजीत सिंह उर्फ जीता पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद रहने के दौरान जालंधर ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 15 व्यक्तियों को साजिद और मोहम्मद कैफ के पास ग्राहक बनाया। इन्होंने उनके फर्जी पहचानपत्र के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर उन्हें बाहर भागने में मदद की। इनके द्वारा भेजे अपराधियों में पंजाब का खूंखार गैंगस्टर गोपी नवांशहरिया (पाक ठिकानों के आतंकवादी हरविंदर उर्फ रिंदा का करीबी सहयोगी) शामिल है। वह फर्जी पहचान पर वर्ष 2022 में पोलैंड भाग गया। वहीं संगरूर का सुखजीत सिंह उर्फ सुक्खा कलौदी अमेरिका और लुधियाना का गुरप्रीत सिंह उर्फ लेहंबर सिधवां कनाडा भाग गया।
दिल्ली के दोनों एजेंट अपराधियों और गैंगस्टरों को एजेंटों की सहायता से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के जंगली रास्तों से भारत-बांग्लादेश सीमा पार कराते थे। इसके बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ठहराते थे। फिर वे हांगकांग में प्रवेश करवाते थे। वहां लगभग एक से तीन महीने रुकना पड़ सकता है। फिर हांगकांग से लोग पोलैंड और पुर्तगाल आदि यूरोपीय देशों में पहुंचते हैं।