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चंडीगढ़ दिनभर नेटवर्क, राजस्थान

 

भारत के राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जहां किसी भगवान की नहीं बल्कि एक बुलेट बाइक की पूजा की जाती है। यह मंदिर ‘बुलेट बाबाÓ (रॉयल एनफील्ड की एक 350 सीसी की एक बुलेट है, जिसका पंजीकरण नंबर आरएनजे-7773 है) के नाम से काफी मशहूर है। इसकी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है। राजस्थान के पाली जिले के पास बना यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। बता दें कि यह मंदिर राजस्थान के जोधपुर-पाली हाइवे से 20 किलोमीटर दूर है। यह पाली शहर के पास स्थित चोटिला गांव में है. पहले भले ही लोग इसे नहीं जानते थे, लेकिन अब हाइवे पर गुजरने वाले हर शख्स के लिए यह जाना पहचाना स्थान है।

कैसे बना यह अनोखा मंदिर
बता दें कि इस अनोखे मंदिर में जिस बुलेट की लोग पूजा करते हैं वहां उसके मालिक ओम सिंह राठौड़ की एक प्रतिमा और एक फोटो लगाई गई है। माना जाता है कि साल 1988 में एक हादसे के दौरान ओम सिंह राठौड़ की मौत हो गई थी। हादसे के बाद पुलिस बाइक को थाने में ले गई। मगर हैरानी तब हुई जब अगले दिन बाइक थाने में नहीं थी। तलाश करने पर वह बुलेट हादसे वाले स्थान पर मिली। पुलिस इस बाइक को फिर से वापस ले गई लेकिन अगले दिन फिर ऐसा ही हुआ। कुछ दिनों तक ऐसे ही होता रहता, जिसके बाद ग्रामीणों ने वहां एक मंदिर बनाने का फैसला लिया। कहा जाता है कि इस बाइक को पुलिस ने चेन से बांध कर भी रखा था, लेकिन फिर भी यह बाइक थाने से गायब हो गई। इसके बाद इसे चमत्कार माना गया और उस बाइक को उसी स्थान पर स्थापित कर दिया गया। इसके बाद लोग इसकी पूजा करने लगे और लोगों की आस्था बढ़ गई. लोगों का मानना है कि ओम बन्ना और बाइक उनकी रक्षा करते हैं और मनोकामना पूरी करते है।

दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है यह मंदिर

स्थानीय किंवदंती के मुताबिक, पुलिस द्वारा बाइक को निकटतम पुलिस स्टेशन तक ले जाने के बावजूद वह दुर्घटनास्थल पर रहस्यमयी तरीके से लौटती रही। इस अजीब घटना के बाद ग्रामीणों ने ओम सिंह को समर्पित एक मंदिर बनाने का फैसला किया और उन्हें एनएच-62 का संरक्षक भी माना गया। माना जाता है कि यह मंदिर दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है और विशेष रूप से युवा लोग यहां ओम सिंह का आशीर्वाद लेने आते हैं।

मंदिर के अनुष्ठान हैं एकदम अलग

एक पारंपरिक पूजा स्थल जैसे दिखने वाले इस मंदिर के अनुष्ठान काफी अलग हैं। यहां लोग जल की बजाय व्हिस्की की बोतलें लाते हैं और प्रसाद के तौर पर बाइक के आगे रखते हैं। इसके अतिरिक्त मंदिर में एक पेड़ है, जिस पर लोग अपने कामनाओं को पूरा करने की इच्छा से लाल धागा बांधते हैं। धीरे-धीरे इस मंदिर में युवा भक्तों की संख्या बढ़ रही है और लोग यहां पर बाइक से जुड़ी चीजें भी दान करते हैं।

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नोट : सभी फोटो सोशल मीडिया से एकत्रित की गयी हैं ||

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