गुड न्यूज : मंडी के कचरे का होगा समाधान, स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड एक तीर से साधेगा दो निशाने
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। सेक्टर-26 की सब्जी मंडी से रोजाना करीब दो टन कचरा निकलता है। इसमें सब्जी व फलों का ग्रीन वेस्ट एक टन व एक टन अन्य तरह की गंदगी होती है। इसे डड्डू माजरा स्थित डंपिंग ग्राउंड में भेजा जाता है। लेकिन अब मंडी से निकलने वाले ग्रीन वेस्ट का इलाज स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड ने ढूंढ लिया है और वो एक तीर से दो निशाने साधने जा रहा है। जानकारी के अनुसार बोर्ड ग्रीन वेस्ट को कूड़े में फेंकने के बजाय उसे गौशालाओं में भेजने की योजना पर काम कर रहा है। अगर ये योजना सिरे चढ़ती है तो इससे पशुओं को सब्जी और फलों के रूप में पौष्टिक आहार प्राप्त होगा।
साथ ही कूड़े के पहाड़ पर रोजाना करीब एक टन कचरा कम जाएगा यानी महीने में 30 टन। मार्केटिंग बोर्ड सब्जी मंडी में रोजाना होने वाले ग्रीन वेस्ट व अन्य गीले कचरे को अलग-अलग करने के समाधान में जुटा है, ताकि गौशाला भेजे जाने वाले वेस्ट में किसी तरह की कोई हानिकारण चीज न चली जाए जिससे पशुओं के लिए परेशानी हो। जानकारी के अनुसार बोर्ड आक्शन प्लेटफार्म के चारों तरफ ट्रॉलियां खड़ी करने की योजना बना रहा है ताकि किसी भी तरह की सब्जी और फलों का वेस्ट सीधे इकट्ठा कर ट्रॉली में डाला जाए।
फिलहाल लोग सब्जियों व उनके पत्तों को जमीन पर ही फेंक देते हैं जिससे काफी ज्यादा गंदगी हो जाती है। इससे लोगों को भी काफी परेशानी होती है। बोर्ड जल्द ही इस संबंध में फैसला ले सकता है। अगर ऐसा होता है तो गोभी, मूली, शलजम के पत्ते, पत्ता गोभी समेत अन्य सब्जियों व फूलों के वेस्ट को ट्रॉलियों के जरिये सीधे गौशाला ले जाया जाएगा ताकि उनके चारे का इंजाम हो सके। सूत्रों के मुताबिक यह योजना पूरी ईमानदारी से सिरे चढ़े, इसके लिए अधिकारियों की ड्यटी भी लगाई जाएगी ताकि जब गाड़ी गौशाला पहुंचे तो कितना ग्रीन वेस्ट दिया और वह पूरी तरह पशुओं के खाने लायक है, इस संबंध में चौकीदार से रिसीविंग भी ली जाएगी।
सारी समस्याओं की जड़ है ग्रीन वेस्ट
सब्जीमंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान बृजमोहन ने कहा कि स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड अगर ग्रीन वेस्ट को गौशालाओं में भेजने का फैसला करता है तो यह सराहनीय कार्य होगा। इसके लिए बोर्ड व मार्केट कमेटी को आढ़तियों का पूरा सहयोग मिलेगा। ऐसा करने से सब्जीमंडी में सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त होगी क्योंकि ग्रीन वेस्ट को अभी सड़क पर फेंक दिया जाता है। गाडिय़ों से कुचलकर वह कीचड़ बन जाता है जिसे साफ करने में काफी मुश्किल आती है। सब्जीमंडी की सड़कों पर पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है। इसी कचरे के वजह से सब्जीमंडी की सीवरेज ब्लॉक रहती है और निकासी न होने के चलते सड़कों पर गंदा पानी खड़ा रहता है। ग्रीन वेस्ट का निवारण होते ही सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।