
चंडीगढ़ दिनभर :
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कौशल विकास मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत मंजूर कर दी है। विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद नायडू ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उनके वकील ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
नायडू के वकीलों ने 26 अक्टूबर को एक हाउस मोशन याचिका दायर की, जिसमें अदालत से जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया गया, क्योंकि उनकी दाहिनी आंख की मोतियाबिंद की सर्जरी होनी थी। जब अगले दिन याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति वेंकट ज्योतिर्मयी प्रताप के सामने आई, तो उन्होंने खुद को यह कहते हुए उससे अलग कर लिया : “मेरे सामने नहीं”। इसके बाद उनकी याचिका दूसरी पीठ को रेफर कर दी गई। नायडू की ओर से डी. श्रीनिवास ने मामले की पैरवी की. वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने वर्चुअली अपनी दलीलें पेश कीं। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी मामले की पैरवी कर रहे थे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश मंगलवार यानी आज के लिए सुरक्षित रख लिया था। जिस पर फैसला सुनाते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है।
गौरतलब है सीआईडी ने नायडू को कौशल विकास घोटाले में 9 सितंबर को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में रहे और इस समय राजामुंदरी सेंट्रल जेल में बंद हैं।