
चंडीगढ़ दिनभर
जनता की मेहनत की कमाई से मिलने वाले टैक्स के लाखों रुपए निगम के स्टडी टूर पर खर्च होते हैं। अक्सर सभी पार्टियों के काउंसलर जनता के हितों की बात व पैसों की फजूलखर्ची रोकने का दावा करते हैं लेकिन इन दावों में कितनी सच्चाई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2022 में निगम के काउंसलर्स और अधिकारियों को स्टडी टूर इंदौर और नागपुर भेजा गया था लेकिन इसकी रिपोर्ट आज तक निगम हाउस मीटिंग में पेश नहीं की गई। ऐसा पहली बार हुआ है कि करीब 8 माह का समय बीत जाने के बावजूद स्टडी टूर की रिपोर्ट को हाउस मीटिंग में पेश नहीं की गई।
अभी तक अधिकतर काउंसलर इस बात से अंजान है कि स्टडी टूर पर क्या सीखा और कितना खर्चा हुआ। टूर भेजना भारत सरकार की नीति के अनुसार ही होता है। हर वर्ष 50 लाख केंद्र सरकार देती है। पार्षदों और अधिकारियों के सभी टूर इसी फंड से होते हैं। इस फंड को किसी और काम के लिए खर्च नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि स्टडी टूर पर अधिकतर काउंसलर नहीं जाते। ऐसे में स्टडी टूर पर गए काउंसलर और निगम अधिकारी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट हाउस मीटिंग में पेश होती है। जिन काउंसलर को स्टडी टूर पर जाने का मौका नहीं मिला था, उन्हें इस रिपोर्ट के माध्यम से कुछ नया सीखने का मौका मिले।