डॉ. तरूण प्रसाद 2023 04 11T102740.139

चंडीगढ़ दिनभर

नगर निगम करोड़ों के पाॄकग घोटाले में निगम कमिश्नर आनंदिता मित्रा की ओर से विभागी जांच की रिपोर्ट आने के बाद पंजाब लॉर्ज इंडीस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि अभी तो ट्रेलर है। पिक्चर आनी तो अभी बाकी है।
पार्किंग घोटाले में अभी तो और कई राज खुलने है। मामले में नामी चेहरों की भूमिका सामने आएगी। एक अधिकारी जो पहले निगम में था और अब प्रशासन में, वह इस घोटाले के और कई राज खोल सकता है। यदि प्रशासक या फिर सलाहकार उस अधिकारी से अपने स्तर पर पूछताछ करे तो कई घोटाले सामने आएंगे। छाबड़ा ने कहा कि वह तो शुरू से ही इसे घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज या फिर सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे थे, वहीं, जहां एक ओर पार्किंग घोटाले की सीबीआई ने खुद अपने स्तर पर अब जांच शुरू की है। वहीं, दूसरी और ईओडब्ल्यू करोड़ों के घोटाले में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार करने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। जल्द नगर निगम के अफसरों से भी पूछताछ करने के लिए उन्हे बुलाया जाएगा। क्योंकि अभी तक ईओडब्लयू द्वारा ठेकेदार और उसके अन्य साथियों से ही पूछताछ की गई है।

कंपनी पर ये हैं आरोप

कंपनी पर निगम को वर्ष 2020 में पार्किंग टैंडर लेने के दौरान 1.67 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटियां जमा करवाने का आरोप है। कैनरा बैंक में मर्ज्ड हो चुके सिंडिकेट बैंक की मैनेजमेंट ने फरवरी 2020 में तीनों बैंक गारंटियों को सही बताया था। यह बैंक गारंटी 1 करोड़ 65 लाख 33 हजार 333 रुपए की थी। हालांकि बाद में कैनरा बैंक ने इन बैंक गारंटियों को रद्द कर दिया था, जब निगम ने इन्हें इनकैश करवाने का प्रयास किया। कंपनी द्वारा निगम को 7 करोड़ रुपए की लाइसेंस फीस न भरने पर निगम ने बैंक गारंटी को इनकैश करवाना चाहा था जो फर्जी निकली। और आरोपों के मुताबिक पार्किंग कांट्रैक्ट कंपनी निगम को 7 करोड़ (ब्याज सहित) की पार्किंग फीस जमा नहीं करवा पाई थी। 1.67 करोड़ रुपए की तीन बैंक गारंटियां जमा करवाई, जो जाली निकली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link
Powered by Social Snap