
शहीद भगत सिंह और डॉ. अम्बेडकर की तस्वीरें उनके बलिदान की याद दिलाने के लिए सरकारी दफ़्तरों में लगाए गए
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़/अमृतसर। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए समर्पित है। इस वचनबद्धता के अंतर्गत शहीद-ए-आज़म स. भगत सिंह और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की तस्वीरें उनके बलिदान की याद दिलाने के लिए सभी सरकारी दफ़्तरों में लगाए गए हैं। उनकी उपलब्धियों को स्वीकार करने और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलकर ही पंजाब को एक जीवंत राज्य में बदला जा सकता है।
भावनाओं का प्रगटावा पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने गोलबाग में 4000 वर्ग गज में बनी शहीद मदन लाल ढींगरा स्मारक के उद्घाटन के अवसर पर किया। डॉ. निज्जर ने इसी स्थान पर शहीद मदन लाल ढींगरा की प्रतिमा से पर्दा हटाने की रस्म भी अदा की। उन्होंने बताया कि इस स्मारक के निर्माण पर कुल 2 करोड़ 44 लाख रुपए का खर्चा आया है, जिसमें एक विशाल हॉल और पार्क का निर्माण भी शामिल है।
डॉ. निज्जर ने आज़ादी के संघर्ष में अमृतसर के लोगों द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान पर ज़ोर दिया। उन्होंने जलियांवाला बाग़ में अपनी जान कुर्बान करने वालों समेत अलग-अलग आंदोलनों में अमृतसर जिले के देश भक्तों द्वारा निभाई गई अहम भूमिका संबंधी प्रकाश डाला। उन्होंने आज़ादी के लिए बलिदान देने वाले अनगिनत देश-भक्तों का धन्यवाद किया, जिससे हम आज़ादी का सुख ले सके हैं और इस सख़्त मेहनत से प्राप्त की गई आज़ादी को सुरक्षित रखने की महत्ता पर ज़ोर दिया। एक प्रैस बातचीत में डॉ. निज्जर ने ज़ोर देकर कहा कि यह हमारा फर्ज है कि हम अपने बच्चों को इन शहीदों के जीवन से अवगत करवाकर उनको आज़ादी की ख़ातिर बर्दाश्त की गईं असंख्य मुसीबतों को समझने के योग्य बन सकें। उन्होंने शहीद मदन लाल ढींगरा की सराहना की, जिन्होंने आज़ादी के संघर्ष में अहम योगदान देने के लिए छोटी उम्र में ही सुखी जीवन का त्याग किया।
इस मौके पर शहीद मदन लाल समिति ने डॉ. निज्जर और अन्य आदरणीय सज्जनों को यादगारी चिह्न भेंट करके सम्मानित किया। समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्रीमति लक्ष्मी कांता चावला ने कहा कि शहीद देश का गौरव होते हैं और उनके जीवन सदा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। उन्होंने इस शहीद को दिए गए सम्मान पर बहुत खुशी अभिव्यक्त की। श्रीमति चावला ने नोट किया कि शहीद उधम सिंह, जिन्हें उसी जेल में फांसी दी गई थी जहाँ शहीद मदन लाल ढींगरा को इंग्लैंड में फांसी दी गई थी।