
संत निरंकारी सत्संग भवन सेक्टर 30 ए में बाल समागम का आयोजन
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। नन्हे-मुन्ने बच्चों की ओर से कई भाषाओं के जरिए प्यार, नम्रता, करुणा, दया, सहनशीलता और भाईचारे को अपनाना व इंसानियत के रास्ते पर चलना ही हर इंसान का कर्तव्य है। क्योंकि इन गुणों को अपनाने के लिए आयु का कोई सम्बन्ध नहीं होता। इसलिए इन बच्चों की जुबान चाहे तोतली थी, इनकी आयु भी कम थी, लेकिन इनके द्वारा अनेक रूपों में दिए गए संदेश सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज द्वारा दी जा रही शिक्षाओं से भरपूर थे। ये उद्गार संत निरंकारी सत्संग भवन सेक्टर 30 ए चंडीगढ़ में हुए बाल समागम की अध्यक्षता करते हुए चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज ओपी निरंकारी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि संत निरंकारी मिशन कोई धर्म या सम्प्रदाय नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक विचारधारा है। संत निरंकारी मिशन निराकार प्रभु की जानकारी प्राप्त करने के बाद भक्ति करते हुए मानव को अध्यात्मिक जागृति से युक्त व्यवहारिक जीवन जीने का ढंग सिखाता है। मिशन सभी के लिए सांझा मंच है व सबके प्रति आदर का भाव रखता है और प्रभु-परमात्मा का साक्षात्कार करवाकर मानव जीवन को सार्थकता प्रदान करता है। बाल समागम मेें सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर बच्चों ने हरदेव बाणी शब्द गायन, गीत, कविता, कव्वाली, स्किट और कई तरह की आइटम पेश की जिसके लिए बच्चे कई दिनों से तैयारी में जुटे हुए थे।
बच्चों द्वारा पेश की गई हर आईटम से केवल बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी निरंकारी मिशन के सिद्धान्त, गुरमत व इन्सानियत के मार्ग पर चलने के बारेे में जानकारी हासिल हुई। इससे पूर्व चंडीगढ़ ब्रांच के संयोजक नवनीत पाठक जी ने जोनल इंचार्ज का और आए हुए बच्चों व साधसंगत का धन्यवाद किया।