लोकसभा चुनाव 2024 : चंडीगढ़ दिनभर ने दिसंबर में सर्वे कर बताया था लोकल उम्मीदवार को मिले टिकट
भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर : बीजेपी ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट के लिए कैंडिडेट की घोषणा कर दी है। चंडीगढ़ लोकसभा सीट से दो बार लगातार सांसद रह चुकी किरण खेर का पत्ता काट दिया गया है। किरण खेर की जगह बीजेपी ने लोकल लीडर संजय टंडन पर दांव लगाया है।
बता दें कि चंडीगढ़ दिनभर ने शहर में सर्वे किया था। जिसमें सामने आया था कि इस बार जनता लोकल कैंडिडेट बनाना चाहती है और बीजेपी लोकल कैंडिडेट में टंडन सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। सर्वे होने के बाद आरडब्लयूए और एसोसिएशन ने भी लोकल कैंडिडेट को टिकट देने की मांग उठाई थी। बीजेपी उम्मीदवार संजय टंडन की परिवारिक पृष्ठभूमि आरएसएस और बीजेपी से जुड़ी है। उनके पिता बलरामजी दास टंडन पंजाब विधानसभा के लिए 6 बार चुने गए थे। पिछले दिनों सांसद किरण खेर की बीमार रहने की खबरें आ रहीं थीं। इसके अलावा कई विवादों में भी खेर का नाम उछला था। इसके बाद से खेर के टिकट कटने की अटकलें लगाई जा रही थीं, जो सही साबित हुई।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने उम्मीदवार के चयन के लिए इंटरनल सर्वे कराया था। इसमें सांसद किरण खेर समेत टिकट के तीन दावेदार थे। संजय टंडन और अरुण सूद का नाम भी सामने आया था। इस रेस में संजय टंडन ने बाजी मार ली।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक एंटी इंकंबेंसी से निपटने के लिए पार्टी ने चंडीगढ़ से प्रत्याशी बदलने का फैसला किया। टंडन पेशे से राजनीतिज्ञ हैं, मगर उनका बैकग्राउंड चार्टर्ड अकाउंटेंट का है। वह एक कॉल सेंटर भी चलाते हैं। हाल ही में हुए मेयर चुनाव में संजय टंडन का नाम सामने आया था। संजय टंडन ने पिछले चुनाव में भी टिकट की दावेदारी की थी, मगर किरण खेर को टिकट दिया गया। किरण खेर ने कांग्रेस कैंडिडेट पवन बंसल को 46 हजार से अधिक वोटों से हराकर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी। इस बार संजय टंडन का मुकाबला इंडिया गठबंधन (कांग्रेस और आम आदमी पार्टी) के कैंडिडेट से होगा।
बता दें कि चंडीगढ़ में सातवें चरण में एक जून को वोटिंग होगी। वहीं, कांग्रेस ने चंडीगढ़ सीट से अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। चर्चा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल एक बार फिर कांग्रेस उम्मीदवार हो सकते हैं।
वहीं, इसके अलावा मनीष तिवारी का नाम भी रेस में है।
टंडन की खूबी जो बनाती है दूसरों से अलग…
संजय टंडन की बेहतर रणनीति और पार्टी को एकजुट रखने की खासियत की वजह से बीजेपी कार्यकर्त्ता चाहते थे कि उन्हें चंडीगढ़ से सांसद की टिकट मिले और वह चुनाव लड़े। लेकिन 10 साल पहले बीजेपी हाईकमान ने चंडीगढ़ सांसद की टिकट अभिनेत्री किरण खेर की झोली में डाल दी,्र जबकि उस समय संजय टंडन को सांसद टिकट का दावेदार माना जा रहा था। टिकट कटने के बावजूद संजय टंडन ने सब्र रखा और पार्टी के प्रति ईमानदारी और निष्ठा से काम किया। कुछ समय बाद उन्हें चंडीगढ़ बीजेपी प्रधान पद से हटा दिया गया।
संजय टंडन ने तब भी सब्र रखा। इसके बाद संजय टंडन को हिमाचल प्रदेश में पद देकर बीजेपी हाईकमान ने लोकसभा चुनाव की भाग दौड़ देखने का कार्य दिया। इस काम को भी संजय टंडन ने बेहतर रणनीति बना किया और हिमाचल कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के खाते में जोड़ दिए। अब बीजेपी हाईकमान ने संजय टंडन को चंडीगढ़ सांसद की टिकट देकर उन्हें सब्र का फल दिया हैं। संजय टंडन की खासियत हैं कि वह जिस व्यक्ति को एक बार मिल लेते हैं तो उसका नाम और पहचान कभी भूलते नही हैं। इसी वजह से संजय टंडन बीजेपी कार्यकर्त्ताओ से लेकर आरडब्लयूए व एसोसिएशन के पदाधिकारियों को नाम से जानते और पहचानते हैं। संजय टंडन एक ग्राउंड लेवल पर काम कर चुके बीजेपी के नेता हंै। इसलिए उन्हें शहर की समस्याओं और मांगो का पता हैं। वहीं संजय टंडन को चंडीगढ़ सांसद की टिकट मिलने से लोकसभा चुनाव को जीतना कांग्रेस उम्मीदवार के लिए बेहद कठीन होगा। संजय टंडन का राजनीति करियर एक साफ छवि के नेता का रहा हैं। वहीं संजय टंडन शहरवासियों से हमेशा रूबरू होते रहे हैं।
दो बार की सांसद फिर भी टिकट कटा
चंडीगढ़ में दो बार सांसद रह चुकी किरण खेर को टिकट न देना, शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बार भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन को मैदान में उतारा है। टंडन हिमाचल प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी हैं। चंडीगढ़ में भाजपा का संगठन खड़ा करने में संजय टंडन का काफी अहम योगदान रहा है। वे समाजसेवा से जुड़े हुए हैं।
आप और कांग्रेस एक साथ : चंडीगढ़ में इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस गठबंधन में चंडीगढ़ की सीट कांग्रेस के खाते में गई है। हालांकि, कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री पवन बंसल को मैदान में उतर सकते हैं।
किरण खेर ने काम छोड़ा हैं, वहीं से मैं काम शुरू करूगा : बीजेपी के वरिष्ठ नेता और चंडीगढ़ सांसद सीट के उम्मीदवार संजय टंडन का कहना है कि उन्होंने राजनीति में कुछ नहीं चाहा जो मिला माता-पिता की बदौलत है। पूर्व सांसद खेर ने शहर के लिए काम किया है, जहां से किरण खेर ने काम छोड़ा हैं, वहीं से मैं काम शुरू करूंगा। चंडीगढ़ के मुद्दों जो के द्र में पेंडिंग है, उन्हें क्लीन चीट दिलाने पर काम करूंगा। टंडन ने कहा कि सभी उम्मीदवार लोकल होते हैं, किसी को बाहरी कहना उचित नहीं है।
पार्टी कार्यालय कमलम में टंडन का गर्मजोशी से स्वागत
चंडीगढ़. भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद संजय टंडन ने कहा कि उनका जीवन चंडीगढ़ और कार्यकर्ता के लिए समर्पित रहेगा, यही मेरा संकल्प है। बुधवार को पार्टी प्रत्याशी घोषित होने के बाद टंडन सेक्टर-33 स्थित भाजपा कार्यालय कमलम में पहुंचे थे। यहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पार्टी के सभागार में टंडन को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी एवं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने मुंह मीठा कराकर फुलकारी भेंट की और बधाई दी। टंडन ने कहा कि पिता, संघ परिवार और भाजपा में बतौर कार्यकर्ता अपने पुराने दौर को याद किया और टिकट के लिए 2009 में पहली बार दिल्ली तक की दौड़ और 2014 तथा 2019 में टिकट कटने तक के सफर को याद किया।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर शहर में तैयारियां तेज हो गई है…
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर शहर में तैयारियां तेज हो गई हैं। पहले फेस के चुनावों में अब चंद दिनों का ही समय बचा है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने में जुट गई हैं। बुधवार को बीजेपी ने उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी है। इस सूची में बीजेपी ने चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर की टिकट को काटकर बीजेपी ने चंडीगढ़ के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन को उम्मीदवार बनाया है और चुनावी मैदान में उतारा है। उनकी पकड़ राजनीति में मजबूत है और वे चंडीगढ़ में मजबूत स्थिति में हैं। उनकी मेहनत के कारण बीजेपी दूसरी पार्टियों के मुकाबले काफी आगे है।