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पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र : मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विधेयक पेश किया

चंडीगढ़ दिनभर
बंगाल की तर्ज पर पंजाब में अब मुख्यमंत्री ही विश्वविद्यालयों के चांसलर होंगे. पंजाब विधानसभा में मंगलवार को इस आशय का संशोधित बिल सर्वसम्मति से पारित कर दिया है. इसका नाम पंजाब एफीलिएटिड कालेज (सिक्योरिटी ऑफ सर्विस) संशोधन बिल 2023 दिया गया है. पंजाब के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों के लिए अब मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे. पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान मंगलवार को पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने पंजाब एफीलिएटिड कालेज (सिक्योरिटी ऑफ सर्विस) संशोधन बिल 2023 पेश किया है. बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटीज चांसलर के बिल पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में 32 विश्वविद्यालय हैं.

अगर वाइस चांसलर अच्छा आ जाए तो यूनिवर्सिटी का कल्याण हो जाता है. वीसी अगर सोच ले कि संस्था को ऊपर लेकर जाना है तो वह कर सकते हैं. मान ने कहा कि हमें दिक्कत यह आती है कि अच्छा वीसी लगाना चाहते हैं तो कहा जाता है कि सरकार तीन नाम चुनकर दे. उनमें से एक गवर्नर चुनेगा. हम चाहते हैं कि सारी यूनिवर्सिटीज की जगह गवर्नर की जगह मौके का मुख्यमंत्री ही चांसलर हो. मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें पता है कि इस प्रस्ताव पर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करेंगे, लेकिन उन्हें करवाना आता हैं. विधानसभा में यह प्रस्ताव अकाली दल के समर्थन से पारित किया गया.

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. अब पंजाब में भगवंत मान सरकार संबंधित एक्ट संशोधन लेकर आए हैं. सीएम भगवंत मान ने इस दौरान गुरुद्वारा एक्ट 1925 संशोधन बिल भी पास कर दिया गया। अकाली दल ने इसका विरोध किया। बसपा के विधायक डॉ. नछत्तर सिंह ने सिख संशोधन बिल का विरोध किया। उन्होंने एसजीपीसी के साथ बैठकर बातचीत करने की बात कहा। बहुमत का फायदा मिलने के बाद इस बिल को भी मंजूरी मिल गई।

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गवर्नर ही देंगे मंजूरी
पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए जाने वाला उक्त बिल भी राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पास ही मंजूरी के लिए जाना है। क्योंकि नियमानुसार विधानसभा में कोई भी बिल के पास होने के बाद मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाता है। बंगाल सरकार के ऐसे बिल का हश्र देखने के बाद यह माना जा रहा है कि पंजाब सरकार को इसमें सफलता नहीं मिल सकेगी।

पंजाब में लगेंगे मनमर्जी के डीजीपी
मान सरकार राज्य में अपनी मर्जी के पुलिस अफसर को डीजीपी नियुक्त कर सकेगी। विधानसभा में मंगलवार को आप सरकार ने पंजाब पुलिस एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी मिल गई है। यह बिल तब पास किया गया है, जब पंजाब में नियुक्त कार्यकारी डीजीपी गौरव यादव को एक साल पूरा होने वाला है। विधानसभा में पास बिल के अनुसार राज्य में एक कमेटी बनेगी, जिसमें 7 सदस्य होंगे, जिसके अध्यक्ष पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस होंगे। कमेटी पुलिस अफसरों का पैनल फाइनल करके राज्य सरकार को भेजेगी। सरकार पैनल में से किसी एक अफसर को पंजाब का डीजीपी नियुक्त कर सकेगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो रहा था।

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