
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। पंजाब के सीएम भगवंतमान ने यूपी की धरती से पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित पर निशाना साधा। मान ने कहा कि बीजेपी का एक ही काम है कि किस तरह से चुनी हुई सरकार को गिराए और यह बीजेपी द्वारा भेजे गए राज्यपाल कर रहे हैं। सुबह जिस समय लोग गहरी नींद में सो रहे होते हैं उस समय बीजेपी राज्यपाल के पास पहुंच कर चुनी हुई सरकार को गिराकर नई सरकार बनाने की शपथ ले रही होती है। पंजाब में भी उनकी चुनी हुई सरकार को तंग किया जा रहा है।
जिसके चलते उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा और फिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके हक में आया। लेकिन यह गलत है चुनी हुई सरकार को बेवजह परेशान करना उन लोगों का अपमान है जिन लोगों ने अपनी वोट डालकर उन्हे राज्य के काम करने की जिमेवारी दी है। वहीं मान ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पंजाब का आरडीएफ, जीएसटी और नेशनल हैल्थ मिशन का पैसा नहीं दे रही है। जिसके लिए उन्हें कई बार लिखकर दिया जा चुका है।
बीजेपी के स्टार कैंपेनर हैं राज्यपाल : सीएम मान
सीएम भगवंत मान ने कहा कि बीजेपी जो खुद नहीं कर सकती वह राज्यपाल के जरिये करवाने का काम कर रही है। अगर अभी की बात की जांए तो राज्यपाल बीजेपी के स्टार कपेंनर का काम कर रहे है। जिस राज्य में बीजेपी से अलावा अन्य सरकार है वहां की सरकार जितना भी अच्छा काम कर लें मगर राज्यपाल उसमे कमियां निकालता रहेगा। मान ने कहा कि पंजाब में कुल सीटें 117 है जिसमें से उनके पास 92 है, जिस समय विधानसभा का बजट सत्र बुलाना था उसे लेकर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पास ईजाजत के लिए फाइल भेजी गई।
जिसे राज्यपाल ने ईजाजत देने से मना करते हुए कह कि पहले मेरा ये काम कर दो वो काम कर दो। जिसके बाद उन्हे सुर्पीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और सुर्पीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्यपाल से ईजाजत दी और बजट सत्र शुरू किया गया। इसके बाद विधानसभा के भाषण के दौरान राज्यपाल ने माई गर्वमेंट कहने मना कर दिया, जिसे पर मान ने कहा कि फिर यह सरकार किसकी है।
बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटी आप
केंद्र सरकार ने 19 मई को बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। सरकार दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लेकर आई है। सरकार ने ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश के जरिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को दे दिए हैं। अध्यादेश में साफ लिखा गया है कि दिल्ली यूनियन टेरिटरी है, लेकिन विधायिका के साथ।
दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति कार्यालय कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और अथॉरिटीज काम कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट समेत कई संवैधानिक संस्थाएं हैं. विदेशी और तमाम ऑफिस हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है। बीजेपी द्धारा लाए गए इसी अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं इसी के चलते वह और सीएम मान यूपी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से राज्यसभा में सर्मथन लेने के लिए गए थे। सीएम मान ने राज्यपाल पर निशाना साधा।
चंडीगढ़ में भी सभी कमेटियों में बीजेपी के लोग शामिल
पूर्व मेयर व आप के वरिष्ठ नेता प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि यह बात तो वह पीछले 9 साल से बोल रहे है, जिस समय वह चंडीगढ़ के मेयर थे उस दौरान भी उन्होने इस मुद्धद्धे को उठाया था। लेकिन उस पर कुछ नहीं हुआ इसकी उदाहरण आपके सामने है चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड हो या फिर अन्य कोई भी डिपार्टमेंट सभी में बीजेपी के लोग की मैंबर बनांए गए है। जबकि दूसरे लोगों का नाम भी जाता है मगर उसे रिजेक्ट कर दियाा जाता है। छाबड़ा ने कहा कि पंजाब के सीएम ने राज्यपाल को लेकर जो बात कही है वो सही है।