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9 अक्टूबर को लगी आग के मद्देनजर शुरू किया सुरक्षा सर्वेक्षण, ओवर हीटिंग और स्पार्किंग को रोकने की कोशिश..

चंडीगढ़ पीजीआई में आग लगने के बाद संस्थान ने बड़ा कदम उठाते हुए अपनी 15 बिल्डिंगों के लिए सुरक्षा जांच शुरू कर दी है। इसमें बिजली के उपकरणों की ओवरहीटिंग और स्पार्किंग से संबंधित गहनता से जांच की जा रही है। जहां पर उपकरणों में खामियां पाई जाएंगी उन्हें जल्द से जल्द बदलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जांच में माइनर OT में मिली बैटरी हीटिंग की समस्या, इस जांच के दौरान नेहरू अस्पताल में एक माइनर OT में बैटरी गर्म होने की समस्या मिली है। जांच कमेटी ने इसे तुरंत बदलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। पीजीआई प्रशासन ने उन्हें जल्द बदलने में लग गया है।

9 अक्टूबर रात को पीजीआई में लगी थी आग
पीजीआई में 9 अक्टूबर रात को नेहरू अस्पताल के ब्लॉक सी शार्ट सर्किट से भयंकर आग लग गई थी। इसके बाद मरीज को आनन फानन में नेहरू एक्सटेंशन और नेहरू अस्पताल के ब्लॉक ए में ट्रांसफर किया गया था। 400 से अधिक मरीजों को यहां से निकाला गया था। आग लगने के कारण अस्पताल के कई वार्ड प्रभावित हो गए थे, जो कि अभी तक भी शुरू भी नहीं हो पाए हैं
16 में से 15 इमारतों का नहीं फायर सेफ्टी आग लगने के बाद सामने आया कि पीजीआई की 16 इमारतों में से सिर्फ एक इमारत को ही फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट मिला हुआ है। बाकी 15 इमारतों का फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट तक भी नहीं मिला। फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए 2021 में अप्लाई किया गया था, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम न होने के कारण फायर विभाग ने इस पर आपत्ति जता दी थी। फायर विभाग के अनुसार यह इमारत 2016 के फायर सुरक्षा अधिनियम के अनुसार नहीं बनी हुई है।
फायर विभाग ने थमाया नोटिस
चंडीगढ़ नगर निगम के फायर विभाग ने पीजीआई को इन सभी 15 इमारतों को लेकर एक नोटिस दिया है। नोटिस मंगलवार 10 अक्टूबर को दिया गया है। जोकि 7 अक्टूबर को ही विभाग द्वारा तैयार कर लिया गया था। मगर स्टाफ की कमी के कारण यह देरी से दिया गया है।

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