
डॉक्टर मोहित अपहरण मामले में चंडीगढ़ पुलिस को राहत
सेक्टर-21 चंडीगढ़ निवासी डॉक्टर मोहित धवन के अपहरण मामले में सुप्रीम कोर्ट से चंडीगढ़ पुलिस को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच करने के लिए 5 हफ्ते तक क्राइम ब्रांच की टीम पर केस दर्ज करने पर रोक
लगा दी है।
गौरतलब है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले की जांच पंजाब पुलिस को सौंप दी थी। पंजाब के डीजीपी ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन कर दिया था लेकिन इस फैसले से क्राइम ब्रांच की टीम को बड़ी राहत मिली है। वहीं, इस मामले में डॉक्टर धवन ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट लगाई थी, ताकि उनका पक्ष भी सुना जाए। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट पांच हफ्तों के बाद ही फैसला सुनाएगा। अब चंडीगढ़ पुलिस के क्राइम ब्रांच जिसमें इंस्पेक्टर हरिंदर सेखों, सेक्टर चौकी इंचार्ज सुरेश और उसकी टीम के सदस्यों पर केस दर्ज नहीं होगा।
ये था मामला
डॉक्टर धवन ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। आरोप लगाया था कि वह एक मामले की सुनवाई के लिए 7 जनवरी 2022 की सुबह करीब 10.30 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-43 स्थित जिला अदालत जा रहे थे। लेकिन वह मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित हो पाते, इससे पहले ही चार पुलिसकर्मियों कॉन्स्टेबल विकास हुड्डा, अनिल कुमार, अमितोज और क्राइम ब्रांच, चंडीगढ़ के कॉन्स्टेबल सुभाष कुमार द्वारा उन्हें अगवा कर लिया गया। और दूसरी और चंडीगढ़ पुलिस की एक टीम ने डॉक्टर को अगवा करने के बाद दूसरी पुलिस टीम ने स्वयं को कोर्ट रूम में उपस्थित दिखाया। इस दूसरी टीम में क्राइम ब्रांच के पूर्व इंचार्ज इंस्पेक्टर हरिंदर सिंह सेखों, सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार और सीनियर कॉन्स्टेबल नीरज ने स्वयं को इलाका मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रतीक्षा कर रहे थे। नतीजतन डॉक्टर को कोर्ट में पेश नहीं होने दिया।