डॉ. तरूण प्रसाद7

चंडीगढ़, 2 सितंबर 2023: चंडीगढ़ के सेक्टर 45 में गौशाला में आयोजित ‘अखंड विजयी भव हवन’ के मौके पर, जमा शिव और गौ भक्तों ने इसरो के पहले सौरमंडलीय मिशन ‘आदित्य-एल1’ की सफलता की प्रार्थना की। इस मिशन के साथ ही सभी भारतीयों की भावनाएं जुड़ गई हैं, और वे इसकी सफलता की कामना कर रहे हैं।

इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ स्पेसक्राफ्ट अब लगबग 125 दिनों, यानी करीब 4 महीनों में लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे सूर्य की स्टडी करना आसान होगा।

इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए है, और यह सूर्य के तापमान और धारा की गहरी अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है। इससे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में एक नई मिलीभगत हो रही है, और इस मिशन की सफलता भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान में और भी आगे बढ़ने में मदद कर सकती है।

यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के नए मील के पत्थर को छूने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसकी सफलता ने देश को गर्वित किया है।

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