डॉ. तरूण प्रसाद 4

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुए हत्याकांड में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के घर पर राजस्व टीम पहुंची है। जिला और तहसील प्रशासन के अफसर भी मौजूद हैं। टीम प्रेम यादव के दो मंजिला मकान और खेत की नाप-जोख कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक, राजस्व टीम की जांच में प्रेम और उसके परिवार के नाम उतनी जमीनें नहीं हैं, जितने मौके पर उसने कब्जा कर रखी हैं। आशंका है कि प्रेम यादव के घर बुलडोजर पहुंच सकता है और अवैध कब्जे को ढहाया जा सकता है। गांव में इसे लेकर कोई विवाद न हो, इसे देखते हुए PAC और भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।

उधर, पुलिस ने सत्यप्रकाश के परिवार के हत्या के आरोप में 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं।

अवैध कब्जे के मुद्दे को देवरिया सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने उठाया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि दबंग पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव का घर ग्राम समाज की भूमि पर बना है, जबकि प्रशासन आज तक कार्रवाई के बजाय आंख मूंदे हुए है।

सत्यप्रकाश दुबे का बेटे ने कहा-दोषियों को फांसी हो इधर

, हत्याकांड में सत्यप्रकाश दुबे का बड़ा बेटा 17 साल का देवेश सामने आया है। वारदात के वक्त देवेश घर पर नहीं था। देवेश ने सोमवार रात ही माता-पिता, एक भाई और दो बहनों की चिता को मुखाग्नि दी। इसके बाद पुलिस सुरक्षा में कैमरे में आकर बातचीत की।

कहा- जैसे मेरा परिवार खत्म हुआ, वैसे हत्यारों का भी परिवार बचना नहीं चाहिए। उनको भी फांसी हो। देवरिया के फतेहपुर गांव में सोमवार सुबह प्रेम यादव की हत्या के बाद सत्यप्रकाश दुबे के परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

स मामले में एक नई बात सामने आई है। ग्रामीणों ने बताया कि सत्यप्रकाश ने 6-7 दिन पहले रूद्रपुर पुलिस को तहरीर देकर प्रेम यादव की शिकायत की थी। उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन, सत्यप्रकाश की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि, देवरिया के पुलिस अफसर इस बात पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

उधर, देवरिया हत्याकांड में घायल बच्चे का हाल-चाल जानने के लिए CM योगी मंगलवार सुबह गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने 8 साल के अनमोल से मुलाकात की। डॉक्टरों को बेहतर ख्याल रखने को कहा। हमलावरों ने अनमोल पर भी वार किए थे और उसे मरा समझकर छोड़ गए थे। हालांकि, जब पुलिस पहुंची, तो अनमोल की सांसें चल रहीं थी। इसके बाद उसे देवरिया से गोरखपुर रेफर किया गया।

“सब कुछ खत्म, कुछ नहीं बचा”

देवेश ने बताया, ”मेरे छोटे भाई गांधी का बर्थडे था। बर्थडे के दिन ही उसकी हत्या कर दी गई। भाई ने मुझसे सुबह कहा, भैया आज मेरा जन्मदिन है, तुम मुझे क्या दोगे? उसने भाई से कहा, ”मैं कथा कराने जा रहा हूं। वहां से ​जो भी पैसे मिलेंगे वह लाकर मैं तुम्हें दे दूंगा, जिससे तुम अपना जन्मदिन मना लेना।

यह कहते हुए मैं कथा कराने चला गया। जब तक वापस लौटा, मेरे परिवार के सभी लोगों की हत्या हो चुकी थी। मेरा एक छोटा भाई अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। मैं भी अगर घर पर रहता तो आज शायद मेरी भी हत्या हो गई होती। मुझे क्या पता था कि जब मैं घर लौटूंगा, तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। कुछ बचेगा ही नहीं।”

27 नामजद लोगों समेत 77 पर FIR वहीं, इस नरसंहार में 15 घंटे बाद FIR दर्ज हुई है। पुलिस ने मृतक सत्यप्रकाश के बड़े बेटे देवेश गर्ग की तहरीर पर पुलिस 27 नामजद लोगों समेत 77 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। इससे पहले, सोमवार को पांचों शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद पुलिस ने रात 10 बजे ही अंतिम संस्कार करा दिया। इस दौरान जिला प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद रही। बेटे देवेश ने पूरे परिवार को मुखाग्नि दी।

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