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चंडीगढ़ दिनभर: किसान आंदोलन का असर तीसरे दिन ही दिखना शुरू हो गया है, बहादुरगढ़ की फैक्टरियों में 600 करोड़ का माल अपने गंतव्य पर नहीं पहुँच पा रहा। आंदोलन के कारण रास्ते बंद होने से सप्लाई रुक सी गयी है। आंदोलन के कारण व्यापारियों को नए ऑर्डर मिलने भी बंद हो गए हैं। पुराने ऑर्डर भी स्थगित होने के कगार पर हैं। माल से भरी गाड़ियां फैक्टरियों में खड़ी हैं।
दिल्ली के सारे बॉर्डर सील होने से माल से भरे ट्रक फैक्ट्रियों में ही खड़े हैं। इस कारण क्षेत्र की सात हजार छोटी बड़ी फैक्टरी में तैयार माल की डिलीवरी रुक गई है। आंदोलन के चलते गाड़ियां दिल्ली की तरफ नहीं जा पा रही हैं। दो दिन में फैक्टरी में तकरीबन 600 करोड़ का माल पड़ा है।
आंदोलन के कारण माल के नए ऑर्डर भी नहीं मिल रहे। उद्यमियों का कहना है कि यदि रास्ते जल्द नहीं खुले तो यहां के उद्योग चौपट हो जाएंगे। बहादुरगढ़ में कई औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र पार्ट-ए व बी सेक्टर-9 मोड़ से टीकरी बॉर्डर के बीच हैं।
एचएसआईआईडीसी सेक्टर-16, 17, पुराना औद्योगिक क्षेत्र, रोहद नगर औद्योगिक क्षेत्र, निजामपुर रोड, झज्जर रोड समेत अन्य स्थानों पर सात हजार फैक्टरी हैं। दिल्ली सीमा सील होने के बाद रास्ते बंद हैं और फैक्टरी में तैयार माल पड़ा है, लेकिन उसे भेजा नहीं जा रहा है। फैक्टरी में गाड़ी में माल लोड होकर खड़ी की गई हैं। दिल्ली, जयपुर आदि कई स्थानों पर माल जाना है।
बहादुरगढ़ में फैक्टरी चलाने वाले 90 प्रतिशत लोग दिल्ली से आवागमन करते हैं। अब बॉर्डर सील होने के बाद बहादुरगढ़ आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। अब मेट्रो से आ जा रहे हैं, लेकिन मेट्रो में भीड़ बढ़ गई है। सुबह और शाम के समय भीड़ कहीं ज्यादा रहती है। इसके कारण या तो जल्दी बहादुरगढ़ से जाना पड़ता है या फिर देर रात को यहां से निकलते हैं।
बहादुरगढ़ से अलग-अलग प्रदेशों के अलावा दिल्ली में भेजे जाने वाले माल के ऑर्डर मिलने कैंसल हो गए हैं। अब जयपुर में स्थित फुटवियर इंडस्ट्री की तरफ व्यापारी माल के लिए ऑर्डर कर रहे हैं। यदि दिल्ली सीमाएं जल्द नहीं खुलती हैं तो बहादुरगढ़ इंडस्ट्री को कई सौ करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। सरकार को जल्द किसानों के मुद्दे का हल निकालना चाहिए।