
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। अवैध शराब से भरे कैंटर को एस्कॉर्ट कर पंजाब से गुजरात लेकर जा रहे चंडीगढ़ पुलिस के दोनों मुलाजिमों कांस्टेबल रविंद्र व अनिल को यूटी पुलिस ने बर्खास्त कर दिया है। रविंद्र हरियाणा पुलिस की गिरफ्त में है जबकि अनिल फरार है। जानकारी के अनुसार दोनों मुलाजिम तस्करी के दौरान छुट्टी लेकर गए थे। यह भी पता चला है कि सेक्टर-26 का चिट्ठा मुंशी अनिल दो दिन से छुट्टी पर था लेकिन उसने 19 जून की रात 9:57 बजे छुट्टी के लिए अप्लाई किया। यह कैसे संभव है कि जो कर्मी दो दिन थाने नहीं आया वो रात को आकर छुट्टी अप्लाई करता है और 20 जून को सुबह तस्करी करते हुए स्पॉट होता है। पुलिस को संदेह है कि थाने में कोई और मुलाजिम भी है जो अनिल का साथ दे रहा है।
इसी बात की जांच की जा रही है। अगर आरोपी अनिल के फोन की 19 जून से कॉल डिटेल निकलवाई जाए तो साफ हो सकता है कि उसने थाने में किससे बात की। इसके अलावा मोबाइल लोकेशन भी इस मामले में अहम भूमिका निभा सकती है। अनिल की 18 जून से 20 जून तक की लोकेशन निकालकर दूध का दूध और पानी का पानी साफ किया जा सकता है। इस मामले में जांच पड़ताल के लिए हरियाणा पुलिस शुक्रवार को चंडीगढ़ सेक्टर-26 थाने पहुंची और जांच पड़ताल की। वहीं अभी तक अनिल का कुछ भी पता नहीं चला है। पुलिस ने उसके घर दबिश दी थी लेकिन वो नहीं मिला। उसके रिश्तेदारों पर भी नजर रखी जा रही है। पुलिस को संदेह है कि वह छिपने के लिए उनसे संपर्क कर सकता है। इस मामले में कांस्टेबल रविंद्र समेत चार लोग गिर तार किए जा चुके हैं जबकि अनिल व एक अन्य फरार हैं। हरियाणा पुलिस इस मामले में चंडीगढ़ के डीजीपी को इन्क्वायरी के लिए लिख चुकी है।
शराब तस्करी में हिस्सेदार था अनिल
चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि कांस्टेबल अनिल खुद शराब तस्करी में हिस्सेदार था। यह कब से काम कर रहा है, और इसके खिलाफ ड्यटी के दौरान क्या कोई आरोप लगा है, इन सभी पहलुओं पर एसपी सिटी मृदुल को जांच करने के लिए बोला है। और इस पहलू पर भी जांच की जा रही है कि अनिल के साथ पुलिस विभाग को कोई और तो शामिल नहीं था। जिस गाड़ी में शराब लेकर जा रहे थे, उसका नंबर भी फर्जी पाया गया है। एसएसपी ने कहा कि बर्खास्त इसलिए किया गया क्योंकि अनिल व रविंद्र पुलिस की वर्दी का फायदा न उठा सकें।
वह केस में खुद को निर्दोष सााबित करने के लिए वर्दी का दबाव भी बना सकते थे। पूर्व एसएसपी हैडक्वार्टर मनोज कुमार मीना ने भी आदेश दिए थे कि अगर किसी इंस्पेक्टर की बदली होती है तो वह अपने चहेतों को साथ लेकर नहीं जाएगा। अगर ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो एक्शन लिया जाएगा। एसएसपी कंवरदीप कौर को पिछले दिनों एक गुमनाम चिठ्ठी मिली थी, जिसमें इंस्पेक्टर व उनके चहेतों के नाम लिखे हुए थे। बताया था कि जहां-जहां पर ये इंस्पेक्टर जाते हैं, वहीं ये अपने चहेतों को ले जाते हैं। एसएसपी कौर ने भी ऐसा करने पर रोक लगा दी है।