
चंडीगढ़ दिनभर
अम्बाला। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सबसे पहले जलभराव वाले इलाकों से पानी की निकासी सुनिश्चित करें और लोगों के लिए खाने -पीने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। पानी की निकासी के लिए यदि प्रशासन को और अधिक पंपों की आवश्यकता है तो वे तुरंत अपने स्तर पर व्यवस्था करें या मुख्यालय को सुचित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि रिहायशी इलाकों से पानी की निकासी के साथ साथ खेतों से भी पानी की निकासी सुनिश्चित करें, क्योंकि यह बुआई का मौसम है, इसलिए किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या न आए। मुख्यमंत्री आज गत दिनों राज्य में हुई भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए लगभग 4- 5 जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। जिसमें अम्बाला भी शामिल है।
इसके बाद उन्होंने अंबाला छावनी में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की और जिले में राहत बचाव कार्यों की समीक्षा की। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिन गरीब परिवारों के घरों का नुकसान हुआ है, उन्हें तुरंत राहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 10 लोगों की जल भराव एवं भारी बारीश के कारण मृत्यु होने की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मृतक व्यक्ति के परिजनों को 4-4 लाख रूपये प्रति व्यक्ति मुआवजा राशि दी जायेगी जिनकी मृत्यु इस अधिक वर्षा और जल भराव के कारण हुई है। इसके अलावा जिन गरीब लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें डा बीआर अम्बेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जायेगी। इस योजना में 80 हजार रूपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
उन्होंने कहा कि सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने अपने जिलों में माली नुकसान का आकलन करें। जिन गरीब परिवारों के घरों का नुकसान हुआ है, उन्हें तुरंत सरकार की ओर से राहत पहुंचाई जाएगी। अन्य वर्गों को भी नुकसान के अनुरूप आपदा प्रबंधन फंड से सहायता दी जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि पानी की निकासी के बाद इलाकों में सफाई व्यवस्था पर जरूर अवश्य ध्यान दिया जाए ताकि कोई बीमारी न पनपे। नागरिकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े यह जिला प्रशासन की जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी बैठकें न कर फील्ड में उतरकर कार्य करें। आपात सेवाओं जैसे बिजली व पानी की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के भी निर्देश दिए गये हैं। इसके साथ ही सभी इलाकों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गये हैं।
मनोहर लाल ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी इलाकों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करें। जहां पलाइपलाइन जलापूर्ति अभी संभव नहीं है, उन इलाकों में पानी के टैंकरों की सप्लाई सुनिश्चित करें। इस कार्य में समाजसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाए। साथ ही सीवरेज की व्यवस्था को भी दुरुस्त रखें। जिलों में पशुओं के चारे की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा, अन्य जिलों से भी चारा उपलब्ध करवाया जाएगा। मनोहर लाल ने निर्देश दिए कि सरकार ने पशुओं के चारे की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए हैं। जो जिले अपने स्तर पर पशुओं के चारे की व्यवस्था कर सकते हैं, वे करें यदि वे सक्षम नहीं हैं तो अन्य जिलों से चारे की व्यवस्था करवाई जाएगी। बरसात से प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभागं विशेष कैंप लगवाए, इसके भी निर्देश दिए गये हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक बारिश से 240 गांवों के प्रभावित होने की सूचना है।
इसलिए इन गांवों में बिमारियां बढऩे की भी संभावना है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि ऐसे गांवों और शहरी इलाकों, जो बारिश से प्रभावित हुए हैं, उनमें 2 से 3 दिनों के लिए विशेष कैंप लगाए जाएं और लोगों को मलेरिया व अन्य कोई बिमारियों हो तो दवाईयां उपलब्ध करवाएं। मीडिया से वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश से प्रदेश के 7 जिले अधिक प्रभावित हुए हैं और उन जिलों में राहत बचाव कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। औसत से अधिक बारिश होने तथा हिमाचल, पंजाब से भी पानी आने के कारण हालात ऐसे बन गए। कहीं-कहीं तो वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है। बारिश से 7 जिले अंबाला, पचंकूला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पानीपत और कैथल अधिक प्रभावित हुए हैं।