जल विद्युत प्रोजेक्टों पर वाटर सैस लगाने संबंधी हिमाचल सरकार के फ़ैसले की निंदा की
चंडीगढ़ दिनभर। रिपेरियन सिद्धांत के मुताबिक पानी पर अपना कानूनी हक जताते हुए पंजाब विधानसभा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में जल विद्युत प्रोजेक्टों पर वाटर सैस लगाने संबंधी हिमाचल प्रदेश सरकार के फ़ैसले की निंदा की है।
इसके लिए जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर की तरफ से सदन में प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहाकि इसके उलट पंजाब (5 दरियाओं की धरती) पीने वाले पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहा है। राज्य के पानी पर हिमाचल प्रदेश सरकार का यह भद्दा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिमाचल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के पानी पर पंजाब का कानूनी हक है। कोई भी राज्य का यह हक नहीं छीन सकता। अपनी ज़मीन के द्वारा बह रहे पानी पर पंजाब एक पैसा भी किसी को नहीं देगा। मुख्यमंत्री ने कहाकि कांग्रेस सरकार का यह कदम देश को बाँटने वाला है। यह भारत जोड़ो नहीं, बल्कि भारत तोड़ो मुहिम है।
पंजाब के कांग्रेस नेताओं की विधानसभा में अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए मान ने कहाकि जब राज्य पानी संबंधी गंभीर मसलों पर विचार कर रहा है तो वे सदन में उपस्थित ही नहीं हैं। इन नेताओं ने हमेशा पंजाब की पीठ में छुरा घोंपा है।पंजाब को पेश सभी मसलों के हल के लिए राज्य सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के इस शर्मनाक काम ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस के कई चेहरे हैं। वह हमेशा राजनीतिक सुविधा के लिए अपने इन चेहरों को इस्तेमाल करती रही है। उन्होंने कहाकि कांग्रेस नेता संघीय ढांचे संबंधी बड़े-बड़े दावे करते हैं। लेकिन, वास्तव में वे चलते अपने राजनीतिक लाभ के मुताबिक ही हैं। इस बार फिर कांग्रेस ने पंजाब के खि़लाफ़ साजिश रची है। लेकिन, इसको किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश सरकार को सलाह दी कि वह राज्यों की ताकतें घटाने वाले ऐसे कदम उठाने से संकोच करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा राज्यों की आवाज़ दबाना चाहती है। हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से ऐसे मसले उठाने से केंद्र सरकार को राज्य से संबंधित मसलों में अनावश्यक दखलअन्दाज़ी का मौका मिला है। अगर कांग्रेस सरकार अपने मंसूबे को आगे बढाती है तो वह किस मुँह से देश में संघीय ढांचे के बारे दावे करेगी। राज्य में पानी की किल्लत की समस्या के बारे मुख्यमंत्री ने कहाकि भूजल के अंधाधुंध प्रयोग के कारण राज्य का अधिकांश इलाका डार्क जोन में है। उन्होंने कहा कि राज्य के मेहनती किसानों ने राज्य के एकमात्र कुदरती स्रोत पानी का बेदर्दी से प्रयोग करके देश के लिए धान की फ़सल पैदा की। पंजाब के इस बड़े योगदान को मान्यता देने की जगह राज्य के हितों के साथ खिलवाड़ करने के लिए ऐसी योजनाएँ बनाईं जा रही हैं। यह बहुत बड़ा दुखांत है कि राज्य के बिल्कुल के बीच पड़ता जि़ला भी अब नहरी पानी की टेलों पर है।