
सट्टेबाजी में हारे और बन गए साइबर ठग…
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़ शहर के एसपी केतन बंसल और साइबर सेल इंचार्ज इंस्पेक्टर रंजीत ङ्क्षसह अब साइबर क्राइम करने वालों को दबोचने में पूरी तरह जुट गए हैं। इस बार उन्होंने तीन ऐसे साइबर ठगों को दबोचा, जो कभी कनाडा से फोन कर ठगते हैं, कभी लोन दिलाने के नाम पर। खैर अब वे साइबर सेल की टीम द्वारा पकड़े जा चुके हैं और उनसे ठगी के लाखों रुपयों को पुलिस बरामद कर रही है। दो आरोपी ऐसे भी है, जोकि सट्टे में पैसे हारकर साइबर ठगी के धंधे में शामिल हुए। इंस्पेक्टर रंजीत ने बताया कि पहले मामले में मैक्स हास्पिटल के पूर्व जनरल मैनेजर कृष्ण चंद शौकही ने बताया कि उसने हॉस्पिटल से रिटायर होने के बाद हॉस्टल खोलने का प्लान बनाया। उसे करीब साढ़े 3 करोड़ के लोन की जरूरत थी। एक दिन उसने अखबार में विज्ञापन से बजाज फिनसर्व लिमिटेड नाम की कंपनी का पता चला। इस पर उसने विज्ञापन पर दिए नंबर पर कॉल की। जिससे उसकी पहले रोहित गोगिया नाम के श स से बात हुई।
उसने लोन प्रोसेस के नाम पर उनसे करीब 2 लाख 36 हजार रुपये ले लिए और इसके बाद उसने उनकी बात राजीव शर्मा और संजय मक्कर नाम के श स से कर्रवाई। उन्होंने लोन रीइमबरस करवाने के नाम पर करीब 60 लाख तक किश्तो में ले लिए और न लोन अदा किया। बाद में फोन भी बंद कर दिए। पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि आरोपियेां ने अपने नाम बदल रखे है और उन्होंने जांच में भिवानी के तरूण नाम के श स को दबोचा। पता चला कि आरोपी तरूण ही रोहित गोगिया बनकर बात करता था। उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस ने उसका चार दिन का रिमांड हासिल किया। बाद में मक्कर बनकर बात करने वाले यूपी के हरदोई निवासी अभिषेख पाल उर्फ दीपो को भी पुलिस ने दबोच लिया। जांच में सामने आया कि आरोपी क्रि केट मैचों में सट्टा लगाते हैं और वहां करीब 15 लाख हारने के बाद साइबर ठगी करने लगे। ठगी के पैसे भी वे सट्टे में हार चुके हैं। सेक्टर 37 के दुकानदार योगेश ने बताया कि दोस्त को फोन आया था कि रिश्तेदार कनाडा में फंस गए हैं और उन्हें छुड़वाने के लिए पैसे चाहिए। उन्होंने एक लाख आरोपियों के खातों में डाल दिया। आरोपियों ने फोन बंद कर दिया। पुलिस ने जांच में बाद भोपाल के विशाल बालमीकी को गिरफ्तार कर लिया है।