डॉ. तरूण प्रसाद 2023 06 10T100312.318

पंचकूला के रत्तेवाली का मामला, सीएम फ्लाइंग स्क्वायड पहुंची मौके पर, जांच शुरू

अमित शर्मा. पंचकूला दिनभर

पंचकूला के रत्तेवाली में लीगल माइनिंग की आड़ में सरेआम अवैध माइनिंग की जा रही है। कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से माइनिंग माफिया सरकार और पर्यावरण के साथ साथ लोकल लोगों की जमीन को भी नुकसान पहुंचा रहा है। राजनीतिक संरक्षण होने की वजह से माइनिंग माफिया पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। जब पुलिस प्रशासन फेल हो गया तब अवैध माइनिंग को लेकर सीएम लाइंग स्क्वाड टीम ने जांच शुरू कर दी है।


जब चंडीगढ दिनभर की टीम पंचकूला के रत्तेवाली में अलॉट की गई, लीगल माइनिंग साइट पर पहुंची तो वहां का नजारा चौंकाने वाला था। जमीन की इस तरह से खुदाई की गई थी कि बड़े-बड़े डंपर भी ऊपर से देखने में खिलौने जैसे लग रहे थे। समतल भूमि भी पहाड़ सी लग रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि खनन माफिया ने 10 या 20 फीट नहीं, बल्कि 100 फीट गहराई तक खुदाई कर दी है।
इस नदी में रोजाना ही सैकड़ों डंपर खुदाई के बाद ग्रेवल, मिट्टी, रेत को लेकर जा रहे हैं। आने वाले दिनों में शुरू होने वाली बरसातों को देखते हुए बाहर भी एक बड़ा ढेर स्टॉक के नाम पर ग्रेवल का लगाया गया है। यहां नदी में कोई भी पैमाइश का जरिया ही नहीं दिया गया है। वहीं, लंबाई, चौड़ाई का भी कोई निशान नहीं दिया गया है, बस यहां कंपनी की ओर से अपनी मर्जी से माईनिंग की जा रही है।

सीएम फ्लाइंग स्क्वायड के पास पहुंची शिकायत, जांच शुरू

मामले की शिकायत सीएम फ्लाईंग स्क्वायड को दी गई। सुशील कुमार, संतोष कुमार, सतीश कुमार, पवन कुमार ने बताया कि सीएम फ्लाईंग स्क्वायड में शिकायत इसलिए दी गई थी। क्योंकि पंचकूला पुलिस सिर्फ इस कंपनी के अधिकारियों की सुनती है। रत्तेवाली की जमीन अलॉट करने के बाद यहां खेतपुराली गांव की पंचायती जमीन से अवैध तौर पर माइनिंग की जा रही है। नदी के साथ ही खेतपुराली की जमीन लगती है, जहां अवैध माइनिंग की जा रही है। इसके बाद सीएम लाइंग स्क्वायड की दो टीमों में पिछले 15 दिनों में चार बार यहां चैकिंग की। रिकॉर्ड से लेकर अन्य पहलुओं पर जांच की जा रही है। लोकल लोगों से भी पूछताछ की गई है। वहीं कंपनी से अलॉटमेंट के सभी दस्तावेजों को मांगा गया है। जांच के बाद इस कंपनी पर दोबारा कार्रवाई हो सकती है।

ये है सच्चाई, जो सिर्फ हम बता रहे हैं

असल में सच्चाई ये है कि पंचकूला की लीगल माइनिंग साइट की आड़ में अवैध साइट से माइनिंग की जाती है। खेल ये है कि लीगल माईनिंग साइट की कभी भी चैकिंग हो सकती है। ऐसे में बरसातों से पहले अलॉट की गई नदी की साइट के साथ लगती दूसरी जमीनों से माईनिंग को किया जाता है। ताकि बरसातों में नदी में आए पानी के पास रेत बहकर आए और जिस लीगल साइट से ज्यादा खुदाई की गई थी, वहां बहकर आए रेत से सब कुछ सही हो जाता है। जो अवैध खुदाई की गई होती है, वो ढक जाती है। वहीं इस पूरे खेल में कोई भी लीगल साइट चलाने वाली कंपनी तब तक कामयाब नहीं हो सकती है, जब तक उसके साथ प्रशासन, पुलिस के कुछ अधिकारी शामिल ना हो। वहीं दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार अवैध माइनिंग के लिए राजनैतिक संरक्षण भी जरूरी होता है, जिसके दम पर ही अवैध माइनिंग की जा रही है।

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