
प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल भानू पंचकूला में जांबाजों की टे्रनिंग
चंडीगढ़ दिनभर
पंचकूला प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल भानू पंचकूला में विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए महिला एवं पुरुष कमांडो को सोमवार को हेली स्लेदरिंग की ट्रेनिंग दी गई। जानकारी के अनुसार ईश्वर सिंह दूहन, महानिरीक्षक प्राथिमक प्रशिक्षण केंद्र के कुशल मार्गदर्शन में 6वें महिला कमांडो कोर्स में आईटीबीपी की विभिन्न ईकाइयों से 19 महिलाएं तथा 100वें पुरुष कमाण्डों कोर्स में आईटीबीपी की विभिन्न ईकाइयों से 94 एवं ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट (राज्यों की पुलिस) के 7 प्रशिक्षणार्थी, 120 कमाण्डों प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
यह कमाण्डों कोर्स महिला कमाण्डों के लिए 6 सप्ताह और पुरूष कमाण्डों के लिए 10 सप्ताह की अवधि के लिए संचालित किये जाते हैं। इस कोर्स प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार की सिखलाई देकर कठोर प्रशिक्षण के साथ विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार किए जाते हैं, जिसमें हेली स्लेदरिेग कमाण्डो कोर्स का एक मुख्य हिस्सा होता है। इसमें हेलीकाप्टर द्वारा रस्सी के सहारे उतरने की सिखलाई दी जाती है।
स्लेदरिंग का उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है जब खतरनाक लैंडिग स्थिति के लिए जमीन नरम या असमान हो। धीमी गति से तैनाती का उपयोग तब किया जाता है जब विपक्ष से आग लगाने का खतरा हो, कमाण्डो सभी बलों में विशेष सैनिक होते हैं। एक कमाण्डो के पास फिसलने का बुनियादी कौशल होता है। हेली स्लेदरिंग की मूल आवश्यकता शार्ट बोर्न हेली ऑपरेशन और ऑपरेशन के लिए रस्सी पर बचाव और लैडिंग का निर्माण एवं सैनिको को तुरन्त छोडऩे के लिए इलाके में कोई रास्ता न हो तो गतिविधियों हेतु इस तरह का अभ्यास करवाया जाता है।