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चंडीगढ़ दिनभर: CJI ने रिटर्निंग ऑफिसर ने 8 बैलेट पेपर देखने के बाद वो वोट AAP के कुलदीप कुमार को वोट दिए गए. आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बीजेपी और आप के बीच विवाद में आठ “अमान्य” वोटों की जांच की. अदालत ने कहा कि इन वोटों को फिर से गिना जाएगा… वैध माना जाएगा” और इसके आधार पर ही परिणाम घोषित किए जाएंगे.

कोर्ट में करीब 20 मिनट तक वीडियो देखने के बाद जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि बैलेट पर टिक क्यों किया? मुकुल रोहतगी ने इस पर जवाब दिया कि उन्होंने आकलन किया कि कुछ बैलेट अवैध थे. वे चोर नहीं हैं. कुछ बैलेट पेपर डिफेस हो चुके थे, इसलिए रिजेक्ट किया गया, लेकिन इस वजह से ऑफिसर को चोर नहीं कहा जा सकता.

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि अनिल मसीह ने सफाई दी थी कि जो मतपत्र खराब हुए, उन पर उन्होंने निशानी बनाई, ये सफाई ठीक नहीं लगती. हंगामा वहां चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हुआ.

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट से री काउंटिंग की मांग की गई है. सिंघवी ने आगे कहा कि वे नए सिरे से चुनाव चाहते हैं क्योंकि वे उस समय का लाभ चाहते हैं, जिसके दौरान उन्होंने संभवतः लोगों को दल-बदल करवाया था. हल्के ढंग से कहें तो घोड़ों की खरीद-फरोख्त… वैसे ये घोड़ों का अपमान करने वाला शब्द है.

बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर ने 16 वोटों से जीत हासिल की थी. उन्होंने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को शिकस्त दी थी, जिनको 12 वोट मिले थे. जब रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया, तब मामले में विवाद खड़ा हो गया. जिसके बाद बैलेट पेपर में छेड़छाड़ का आरोप लगाया जाने लगा.

चुनाव के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी के अल्पसंख्यक सेल के सदस्य मसीह को आप पार्षदों के लिए डाले गए बैलेट पेपर्स पर निशान लगाते हुए दिखाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने, 5 फरवरी की सुनवाई के दौरान इस कार्य की निंदा करते हुए इसे “लोकतंत्र का मजाक” करार दिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कथित “खरीद-फरोख्त” पर गहरी चिंता जताते हुए बैलेट पेपर्स और मतगणना प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच करने का फैसला किया था.

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