![LOK SABHA ELECTION 11](https://chandigarhdinbhar.com/wp-content/uploads/2024/03/LOK-SABHA-ELECTION-11.png)
चंडीगढ़। प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित 53वें भास्कर राव सम्मेलन में 10 दिन हर शाम वाद्ययंत्र से भास्कर राव के साथ सजती है महफ़िल हर दिन कलाकार अपने नृत्य व् गायन से लोगो को मनोरंजित करते है ठीक इसी तरह आठवें दिन आज बनारस के के.ऐ.चंचल के सधे हुए गायन एवं कोलकाता की मिठास लिए कुशल दास के सितार ने खूब रंग जमाया । आज के कलाकार कुमार अम्बरीश चंचल ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा गुरू आर.वी.कविमंडल से प्राप्त की । इसके बाद गुरू पंडित माधव गुणी के शिष्यत्व में संगीत की बारीकियां सीखी । कला का प्रदर्शन करके प्रशंसा हासिल करने वाले चंचल का आज संगीत जगत में अहम स्थान है ।आज के दूसरे कलाकार पंडित कुशल दास संगीत जगत की जानी मानी हस्तियों में से एक है। टॉप ग्रेड रेडियो एवं दूरदर्शन कलाकार कुशल को इनके संगीत जगत में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है ।
कल के कार्यक्रम की शुरुआत डॉ.के.ऐ.चंचल के सधे हुए गायन से हुई जिसमें उन्होंने राग पूरीया कल्याण में विलंबित एक ताल की बंदिश ‘‘जाप कहो उनसे इतनो संदेशवा मोरा’’पेश की और दर्शकों को सहज ही अपने संगीत से मन- मोहित कर दिया । इसके बाद द्रुत ख्याल की बंदिश ‘‘बहुत दिन बीते तेरे अजहूं न आए मोरे श्याम ’’ पेश करके दर्शकों को मधुर संगीत का रसास्वादन करवाया । इन्होंने कार्यक्रम का समापन एक भजन‘‘तुम बिन मेरो कौन खबर ले गोवर्धन गिरधारी’’ जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इनके साथ तबले पर चण्डीगढ़ के जानेमाने तबला वादक डॉ.महेन्द्र प्रसाद तथा हारमोनियम पर प्रो.गुरमीत सिंह ने साथ दिया । इनके साथ चण्डीगढ़ सारंगीवादक राजेश कुमार भी शामिल रहे
कुशल दास ने अपने गायन के शुद्ध बसंत से कार्यक्रम की शुरूआत की और जोड़ झाले से राग की खूबसूरती को मधुर स्वर लहरियों से सजा कर प्रस्तुत किया । इसके बाद इन्होंने होली के त्योहार के अनुरूप कुछ रंग भरी गतें पेश की ।कार्यक्रम का अंत एक मिश्र पहाड़ी धुन से खूबसूरत समापन किया । जाने माने तबला वादक पंडित परीमल चक्रवर्ती के खूबसूरत साथ ने दर्शकों को खूब आनंदित किया ।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को उतरीया और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया ।