
सेक्टर-26 पुलिस कॉलोनी में नियमों की धज्जियां उड़ाते वर्दीवाले
चंडीगढ़ दिनभर
चंडीगढ़। पुलिस कॉलोनी सेक्टर-26 में तीन मंजिला मकानों में अवैध कब्जे कर निर्माण तो पुलिस वाले कर ही रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के खेलने के लिए बनाए पार्कों को भी नहीं छोड़ा है। पुलिसवालों ने पार्कों पर कब्जा कर उनमें अपनी लग्जरी गाडिय़ां खड़ी कर रखी हैं। ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को इस बारे में जानकारी नहीं है। पहली और दूसरी मंजिल के लिए बनी पार्किंग पर ग्राउंड फ्लोर वाले ने कब्जा कर रखा है। गाड़ी वालों ने पार्कों पर कब्जा कर रखा है। कॉर्नर मकान वालों ने तो हद ही कर दी है। उन्होंने अवैध कब्जे करने के बाद दीवार तोड़ पार्कों की तरफ दरवाजे निकाल लिए हैं।
जबकि अलॉटमेंट कानून यह कहता है कि अगर कोई भी मकानों में किसी भी तरह का बदलाव करता है तो अलॉटमेंट रद्द की जा सकती है। लेकिन पुलिसवालों को किसी का डर नहीं है। जब कानून का रखवाला ही नियमों की धज्जियां उड़ाएगा तो उसपर कार्रवाई कौन करेगा। पुलिस कॉलोनी में कब्जों का अंबार लगा हुए है। बरसों से शिकायतें भी हो रही हैं लेकिन कार्रवाई कौन करेगा? ताज्जुब है कि वर्दी की बेईमानी पर चाहे कितने सवाल उठें अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। देखकर अनदेखा कर दिया जाता है। आम जनता की खबरें छपती रहती हैं और उनके खिलाफ एमसी से लेकर पुलिसिया कार्रवाई तक सब होता है। वर्दी की ईमानदारी तो ये कि सही या गलत में फर्क ना करे चाहे वो किसी भी रुतबे का हो। अब इंतजार है पुलिस कॉलोनी को कब्जामुक्त देखने का। शायद अब किसी ‘ईमानदार’ अफसर की नजर इन कब्जों पर पड़े तो इन्हें मुक्त करवाए ताकि बच्चे सड़क के बजाय इन पार्कों में खेल सकें।

पार्क में शेड के नीचे खड़ी होती हैं गाडिय़ां
सेक्टर-26 पुलिस कॉलोनी में छह पार्क बने हैं। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस की आरटीआई ब्रांच सिर्फ तीन पार्क की ही जानकारी देती है। आखिरी तीन पार्क गए कहां। इनके ऊपर लाखों रुपए खर्च किए गए थे। लेकिन अब उनकी हालत खस्ता है। बेंच टूटे हुए हैं। झूले गायब हैं, जहां लोगों को बैठना चाहिए, उस शैड में पुलिसवालों की गाडिय़ां खड़ी हैं। पार्कों में रस्सी बांधकर कपड़े सुखाए जाते हैं। इसी वजह से बच्चे सड़क पर खेलने को मजबूर हैं। सबसे बड़ी बात है कि तीन पार्कों को कागजों से गायब ही कर दिया है।