चंडीगढ़ दिनभर
चंड़ीगढ़ शहर जहां पर प्रशासक, एडवाइजर और प्रशासन के सभी अधिकारी बैठते हैं फिर भी बिना डऱे नगर निगम पार्किंग घोटाला सिटको में फर्जीवाड़ा करने से आरोपी बाज नहीं आ रहे हैं। नगर निगम करोड़ों रुपए के पर्किंग घोटाले में तो अभी तक शुरू की गई डिपार्टमेंटल इंक्वारी रिपोर्ट नहीं आई, लेकिन चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन डेवलपमेंट लिमिटेड यानि (सिटको) में हुए 35 लाख के फर्जीवाड़े में संस्पेड़ किए गए चार के खिलाफ चार्जशीट का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है। इसके बाद अब उन पर बड़े एक्शन की तैयारी की जा रही है।
यह इत्तफाक ही है यह घोटाला भी फर्जी बैंक गरंटी से संबंधित है। जब सीजीएम हरजीत ङ्क्षसह संधू से बात तो उन्होंने बताया कि फर्जीवाड़े में पहले ही चारों को सस्पेंड कर दिया गया था और अब उनके खिलाफ चार्जशीट का प्रोसेस भी शुरू कर दिया गया है जो जल्द ही पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने अपने स्तर भी जांच करवाई थी लेकिन अभी तक इनके अलावा किसी और का नाम सामने नहीं आया है। ठेकेदार अनिल का साथ और किसने दिया था इसका खुलासा तो उसकी गिरफ्तारी के बाद ही हो होगा।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा

सिटको के सीजीएम हरजीत संधू ने पुलिस को बताया था कि ऑस्कर सिक्योरिटी एंड फायर सर्विसेज के ठेकेदार अनिल कुमार ने सिटकों के 35 लाख की गारंटी में फर्जीवाड़ा किया है। और सिटको के पास इस ठेकेदार ने बैंक गारंटी के जो असली दस्तावेज दिए थे, वह अपने लिंक से अनिल ने धोखे से निकलवा लिए और उसकी जगह फर्जी कलर फोटोस्टेट कागजात जमा करवा दिए। शिकायत में यह नहीं बताया गया कि असली बैंक गरंटी के कागजात कैसे बाहर निकले और किसने, इसमें अनिल का साथ दिया। आरोपी अनिल ने असल गारंटी दिखाकर पानीपत के देना बैंक से 35 लाख की सिक्योरटी निकलवा लिए। ऑस्कर सिक्योरिटी एंड फायर सर्विसेज के नाम पर 5.21 लाख की आरटीजीएस करवा दी गई, जबकि 5.21 लाख की राशि फ्रैंक नाम के ठेकेदार के अकाउंट में दी जानी थी। इसके बाद कहा गया था कि गलती से यह पेमेंट ऑस्कर सिक्योरटी एंड फायर सर्विसेज के पास पहुंच गई, जांच करने पर इसमें भी ठेकेदार की मिलीभगत सामने आई थी।