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चंडीगढ़ दिनभर: पंजाब में लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी हैं, राज्य चुनाव आयोग 22 फरवरी को जीपीएस इंस्टॉल करने वाली विशेषज्ञ कंपनी को फाइनल करेगा। जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को स्ट्रांग रूम ले जाने वाले 10 हजार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए अलग से कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा।

किसी प्रकार की कोई धांधली ना हो इसलिए लोकसभा चुनाव में 10 हजार वाहनों में जीपीएस सिस्टम इंस्टॉल किए जाएंगे। ये जीपीएस सिस्टम युक्त वाहन लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को स्ट्रांग रूम से प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों के अंतर्गत बनने वाले हर मतदान केंद्र तक पहुंचाएंगे।

इन जीपीएस युक्त 10 हजार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल रूम तैयार किया जाएगा। कंट्रोल रूम के जरिये इन जीपीएस युक्त वाहनों पर पैनी नजर रखी जाएगी। इसी के साथ एक ऐसा वेब बेस्ड सॉफ्टवेयर बनाया जाएगा, जिस पर कोई भी इन वाहनों की मॉनिटरिंग कर सके और ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की हर मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। जीपीएस युक्त होने के चलते अगर कोई भी वाहन जो ईवीएम और वीवीपैट मशीनें मतदान केंद्र तक ले या वापस ला रहा है रास्ते में अगर कोई रूट बदलता है या दिशाहीन हो जाता है तो सुरक्षाकर्मी तत्काल उस तक पहुंच सकेंगे।

राज्य चुनाव आयोग की ओर से 22 फरवरी को जीपीएस इंस्टॉल करने वाली आईटी के क्षेत्र में विशेषज्ञ कंपनी को फाइनल किया जाएगा। देशभर की आईटी सॉफ्टवेयर कंपनियों से इसके लिए ई टेंडर के जरिये आवेदन मांगे गए हैं। टेंडर की कुछ शर्तें राखी गयी हैं जैसे, कंपनी का आईटी के क्षेत्र में कम से कम तीन साल का अनुभव और वार्षिक टर्नओवर एक करोड़ रुपये होनी चाहिए। आवेदन करने वाली कंपनी या फर्म पर कोई केस या ब्लैक लिस्टेड न हो।

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