चंडीगढ़ दिनभर

चंडीगढ़। नाबालिग से रेप के 24 साल पुराने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर चंडीगढ़ पुलिस के पीओ सेल से बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आरोपी की पहचान 48 वर्षीय हरिचंद पुत्र भोला के रूप में हुई है। मनीमाजरा में वारदात को अंजाम देकर वह उत्तर प्रदेश के बदायू भाग गया था और वहां भेष बदलकर रह रहा था। वह पुलिस से बचने के लिए गुरुद्वारे में पाठी बन गया था। आरोपी तक पहुंचने के लिए पुलिस ने गुप्त सूचनाओं के आधार पर गहन छानबीन की। यह सारी कार्रवाई करीब तीन महीने तक चली।

पुलिस गुरुद्वारे पहुंची और कई दिन तक इस बात की तसल्ली की कि पाठी ही भगोड़ा हरिचंद है। जब पुलिस को पूरी तरह भरोसा हो गया कि पाठी ही आरोपी हरिचंद है तो उसे धरदबोचा। इस ऑपरेशन को एसएसपी कंवरदीप कौर के दिशानिर्देशों और डिप्टी एसपी विकास श्योकंद की देखरेख अंजाम दिया गया। सूचनाओं के आधार पर एएसआई बलविंदर सिंह, कांस्टेबल वकील सिंह और प्रवीन कुमार ने दिनरात इस केस में काम किया और आरोपी को काबू किया। इस टीम को इंस्पेक्टर हरिओम शर्मा ने लीड किया।

1999 में मनीमजरा थाने में दर्ज हुई थी शिकायत

जानकारी के अनुसार पीड़िता के पिता नत्थी लाल ने मनीमाजरा थाने में 6 दिसंबर 1999 को शिकायत दर्ज करवाई थी। बताया था कि वह अपने नौ बच्चों व पत्नी के साथ आरबीटी ईंट भट्टे के पास रहता है। उसके साथ काम करने वाले प्रेम पाल, महेंद्र सिंह, हरि चंद, शीशपाल, प्रीतम सिंह उसकी 15 साल की बेटी को जबर्दस्ती ईंट भट्टे में उठाकर ले गए और उसके साथ रेप किया और फरार हो गए।

मामला कोर्ट में पहुंचा और आरोपी पेश नहीं हुआ तो जज पूनम राठी की कोर्ट ने 20 फरवरी 2004 को आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया। आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान और काम दोनों बदल दिए। फिलहाल वो उत्तर प्रदेश के बदायू में आमनाबाद गांव में रहता था। उसने सिख का वेश धर लिया था और बदायू के गुरुद्वारे में पाठी का काम कर रहा था। पुलिस काफी समय से उसके पीछे लगी हुई थी और आखिरकार 23 साल बाद वो पुलिस के जाल में फंस ही गया।