Press Club Election 2023 5

भरत अग्रवाल, चंडीगढ़ दिनभर : डंके की चोट पर कहता हूं । हां,मैं फैन हूं मोदी का। मैं फैन हूं योगी का। क्योकि वह सनातन धर्म के लिए काम करते हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का भी मंच से धन्यावाद करता ,अगर वह राम मंदिर का फैसला लेकर आते । उनकी सरकार ने तो राम मंदिर के विरोध में 21 वकील लगा दिए थे। हमारे देश की विडंबना हैं कि राम को भी कोर्ट के अंदर जाना पड़ता हैं , जब ऐसी सरकारे होती हैं। फैसला लेने के लिए राम को भी जज के सामने खड़ा होना पड़ता हैं। यह कहना हैं भजन सम्राट कन्हैया मित्तल का।

वीरवार को चंडीगढ़ दिनभर टीम को दिए इंटरव्यू में कन्हैया मित्तल ने कांग्रेस युवा नेता सचिन गालव के आरोप को बेबुनियाद बताया और कहा कि राम नाम बुलंद हो रहा हैं। लेकिन कुछ लोगो को यह चुभता हैं। राम नाम पंजाब यूनिवर्सिटी में क्यों लिया जाए , इस पर भी आपत्ति है। हिंदू ,सिख और ईसाई सब ने है सहमति जताई , हम को भारत में रहने दो , भारत को भारत कहने दो। तो क्यों एक वर्ग को खुश करने के लिए हिंदू विरोधी बातें की जा रही हैं। कन्हैया मित्तल का कहना हैं कि धार्मिक मंच पर सिर्फ राम का नाम लिया जाता हैं ,राजनीति नही होती। भजन करना उनका प्रोफेशन और पैशन दोनो हैं। अब मेरे भजनो को राजनीति से जोड़ा जाने लगा हैं और उंगली उठनी शुरू हो गई है तो मुझे बोलना पड़ रहा हैं। वह भी एक समय था ,मेरे धार्मिक कार्यक्रमो को रद्द कर दिया जाता है। मैने तो उस समय भी राम नाम लेना नही छोड़ा। अब चंडीगढ़ में ऐसा होने लगा हैं। मुझे 28 साल हो गए भजन गाते और राम का नाम लेते। अगर मैं भाजपा समर्थक होता तो 28 साल पहले ही बीजेपी सरकार केंद्र में होती।

कन्हैया मित्तल ने कहा कि बीजेपी मंच पर भाजपा की बात होती हैं लेकिन धार्मिक मंच पर ऐसा नही होता। मैं सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट करता हूं वो मेरा नीजि फैसला हैं। आरोप धार्मिक मंच पर भाजपा समर्थन का लगाया गया हैं तो सचिन गालव साबित करे कि मैने कब धार्मिक मंच पर भाजपा को समर्थन देने और कांग्रेस को वोट न करने के लिए बोला। कन्हैया मित्तल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो राजनीति में भी एंट्री करूगा। मैंने राजनीति में जाना हैं या नही ,इसकी टैंशन न ले। वर्ष 2014 से पहले जय श्री राम के नारे और आज के राम नारे में आवाज बुलंद हुई हैं और फर्क दिखाई देता हैं। युवाओं को धर्म से जुड़ने दे। देश में राम नाम की जागरूकता फैलने दे। सचिन गालव युवा नेता हैं और उन्हें युवाओ को भटकाना नही चाहिए। धार्मिक मंच से जुड़ने से युवाओं नशो से दूर रहेगे और सनातन धर्म को समझ सकेगे। धार्मिक कार्यक्रम को राजनीति के भेंट न चढ़ाए। मुझे समझ नही आता कि उन्हें मुझसे दिक्कत हैं या राम नाम से। भजनो को नही बांटना चाहिए। राम नाम को लेकर फैल रही जागरूकता इनको हजम नही हो रही हैं।

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